India News (इंडिया न्यूज़), Anand Mohan, पटना: बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन आज गुरुवार को तमाम विरोधों के बीच आज गुरुवार, 27 अप्रैल को सुबह जेल से रिहा हो गए हैं। मगर आनंद मोहन की मुश्किलें रिहाई को बाद भी खत्म होती नहीं दिख रही है। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बुधवार को उनकी रिहाई को लेकर जेल नियमों में हुए बदलाव के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है।
बिहार सरकार की तरफ से जारी उस अधिसूचना को निरस्त करने के लिए पटना हाईकोर्ट में लोकहित याचिका दायर की गई है। जिसके अंतर्गत बिहार कारागार नियमावली, 2012 के नियम 481(i) (क) में संशोधन कर अपनी ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक की हत्या वाक्य को हटा दिया गया।
सामाजिक कार्यकर्ता अमर ज्योति ने इस लोकहित याचिका को अपने अधिवक्ता अलका वर्मा के जरिए दायर किया है। राज्य सरकार की तरफ से इस याचिका में बिहार कारागार नियमावली, 2012 के नियम 481(i) (क) में हुए संशोधन को गैरकानूनी बताया गया है। राज्य की कानून व्यवस्था पर यह अधिसूचना प्रतिकूल असर डालने वाली है। इसके साथ ही ड्यूटी पर मौजूद लोक सेवकों तथा आम जनता के मनोबल को भी गिराती है।
जानकारी दे दें कि पूर्व सांसद आनंद मोहन आज सुबह सहरसा जेल से रिहा हो गए हैं। सरकार ने स्थायी तौर पर उन्हें रिहा कर दिया है। वह इससे पहले अपने बेटे राजद विधायक चेतन आनंद की सगाई के मौके पर पैरोल पर सहरसा जेल से बाहर निकले थे। इसी बीच सरकार ने उनकी पूर्ण रिहाई का आदेश दे दिया। बीते दिन बुधवार को ही बाहुबली नेता आनंद मोहन पैरोल खत्म होने पर जेल गए थे।
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