India News (इंडिया न्यूज), Salary of Tirupati Temple Priests: तिरुपति बालाजी मंदिर दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है। भक्त तिरुपति मंदिर में दिल खोलकर दान करते हैं और सोना, चांदी और पैसे चढ़ाते हैं। यहां हर दिन लाखों भक्त तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन करने आते हैं। इसके साथल ही सदियों से तिरुमाला तिरुपति बालाजी मंदिर का धार्मिक प्रबंधन चार पुजारी परिवारों द्वारा किया जाता रहा है। इन्हें तिरुमति मंदिर के 4 शक्तिशाली परिवारों के रूप में जाना जाता है। सुबह से शाम तक मंदिर में चलने वाले धार्मिक अनुष्ठान इन्हीं परिवारों के लोग करते हैं। वैसे तो इस मंदिर में कुल 58 पुजारियों का स्टाफ है, लेकिन परंपरा से यहां 23 पुजारी परिवार नियुक्त हैं। माना जाता है कि ये पुजारी परिवार खुद काफी अमीर और इनका खुब रुतबा है।

कौन हैं ये चार पुजारी परिवार?

इन चार पुजारी परिवारों के नाम की बात करें तो इनमे पैदीपल्ली, गोलापल्ली, पेद्दिन्थी और तिरुपतम्मा हैं। बता दें कि, ये परिवार पीढ़ियों से तिरुमाला के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में अनुष्ठान करते आ रहे हैं। इन चार परिवारों के 23 पुजारी पूरे तिरुपति में राज करते हैं और यहां पर वह शानो-शौकत से रहते हैं, इसके बारे में विस्तार से बात करने से पहले हम  मंदिर के बारे  में बताते  हैं।

  • बता दें कि, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के पास सभी कार्यों के लिए कुल 16,000 कर्मचारी हैं।
  • इसके साथ ही मंदिर में 35 गैर-वंशानुगत पुजारी हैं।

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क्या है पुजारियों का वेतन?

  • मंदिर का मुख्य पुजारी वंशानुगत होता है, जिसे प्रधान अर्चक कहा जाता है, उसका मासिक वेतन लगभग 82000 रुपये होता है, साथ ही अलग से सुविधाएं भी मिलती हैं।
  • अन्य मुख्य पुजारी भी वंशानुगत होते हैं, जिन्हें हर महीने 52,000 रुपये वेतन मिलता है, भत्ते अलग से मिलते हैं, हालांकि उन्हें कितनी राशि मिलती है, इसका खुलासा नहीं किया गया है।
  • गैर-वंशानुगत पुजारियों का वेतन 30,000 से 60,000 रुपये होता है, जो अनुभव पर निर्भर करता है।

पुजारियों को मिलते हैं ये सुविधाएं

  • सभी पुजारियों को रहने के लिए घर मिलते हैं।
  • वेतन के अलावा  पुजारियों को कई तरह के भत्ते भी मिलते हैं।
  • सभी पुजारियों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य का खर्च टीटीडी उठाता है।
  • सभी पुजारियों को छुट्टी भी मिलती है, लेकिन यह विनियमित नहीं है।

चार सबसे शक्तिशाली पुजारी परिवार

तिरुपति मंदिर में वंशानुगत पुजारी चार परिवार पैडिपल्ली, गोल्लापल्ली, पेद्दिन्ति और तिरुपतम्मा परिवारों से संबंधित हैं, जो मंदिर के पहले पुजारी गोपीनाथाचार्युलु के वंशज हैं। वे वैखानस आगम के विशेषज्ञ थे, जो मंदिर के अनुष्ठानों पर एक संहिता है। वैखानस आगम भगवान विष्णु से जुड़े मंदिरों में पूजा की दो परंपराओं में से एक है। इस परिवार के सदस्यों को अर्चक, मीरासी परिवार या वंशानुगत पुजारी के रूप में जाना जाता है। ये परिवार लगभग 2,000 वर्षों से तिरुमाला मंदिर और गोविंदराज स्वामी मंदिर से जुड़े हुए हैं। बता दें कि, इन परिवारों के सदस्यों को पारंपरिक रूप से मंदिर के अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों के संरक्षक के रूप में देखा जाता है। वे दैनिक अनुष्ठान और विशेष समारोह करते हैं, जो मंदिर की प्रथाओं को नियंत्रित करने वाले आगम शास्त्रों का पालन सुनिश्चित करते हैं।

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इस समय कौन है मंदिर के मुख्य पुजारी?

बता दें कि, तिरुपति मंदिर के मुख्य पुजारी ए वेणुगोपाल दीक्षितुलु हैं, जो गोल्लापल्ली वंशानुगत परिवार से हैं। वे 2018 में मुख्य पुजारी बने। इससे पहले मंदिर के मुख्य पुजारी डॉ. एवी रमन्ना दीक्षितुलु थे, जो गोल्लापल्ली परिवार से ही थे। उन्हें मंदिर के अनुष्ठानों का विशेषज्ञ कहा जाता था। उनके पास माइक्रोबायोलॉजी में डॉक्टरेट की डिग्री थी। उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के बाद 1967 में पुजारी का पद संभाला था।

ये चार परिवारों को क्यों गिना जाता है सबसे अमीर

यह दावे के साथ तो नहीं लेकिन ऐसा माना जाता है कि उन्हें हमेशा टीटीडी की कुल कमाई में हिस्सा मिलता है। इतना ही नहीं, इन चार परिवारों के लोग टीटीडी के भीतर प्रभावशाली पदों पर भी हैं। माना जाता है कि इनकी संपत्ति करोड़ों में है। ये लोग बहुत शानो-शौकत से रहते हैं। दूसरे, इनका प्रभाव और ताकत भी बहुत है इसके साथ ही इनकी मुख्यमंत्री तक सीधी पहुंच है।

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