Live
Search
Home > देश > भारत का वो रेलवे स्टेशन, जहां साल में सिर्फ 15 दिन ही रुकती है ट्रेन, हैरान कर देगी वजह

भारत का वो रेलवे स्टेशन, जहां साल में सिर्फ 15 दिन ही रुकती है ट्रेन, हैरान कर देगी वजह

Pitru Paksha special trains: इस स्टेशन का महत्व धार्मिक कारणों से जुड़ा है. हर साल पितृ पक्ष के मौके पर देश भर से लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण करने गया और आसपास के इलाकों में आते हैं.

Written By: Ashish kumar Rai
Last Updated: September 11, 2025 22:26:24 IST

Unique Railway Station: भारत का रेलवे नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में गिना जाता है। हर दिन लाखों लोग ट्रेन से सफ़र करते हैं और देश का हर छोटा-बड़ा स्टेशन चहल-पहल से भरा रहता है. हालाँकि क्या आपको  मालूम है कि बिहार में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी है जहाँ साल में महज 15 दिन ही ट्रेनें रुकती हैं? जी हाँ, ये कहानी है अनुग्रह नारायण रोड घाट स्टेशन की, जो औरंगाबाद ज़िले में स्थित है। इस स्टेशन की ख़ासियत और इसकी अनोखी व्यवस्था जानकर आप हैरान रह जाएँगे.

वह शख्स जो था बिहार का प्रधानमंत्री, फिर बना सीएम…जानें PM से CM बनने की पूरी कहानी

आखिर इतना अलग क्यों है ये स्टेशन?

आमतौर पर रेलवे स्टेशनों पर टिकट काउंटर, कर्मचारी और यात्रियों की आवाजाही आम बात होती है, हालांकि अनुग्रह नारायण रोड घाट स्टेशन पर इनमें से कुछ भी नहीं है. यहाँ कोई स्थायी टिकट काउंटर नहीं है. कोई नियमित कर्मचारी तैनात नहीं है. वर्ष भर में 350 दिन इस स्टेशन से ट्रेनें गुज़रती हैं, लेकिन रुकती नहीं हैं. फिर बड़ा प्रश्न उठता है कि रेलवे ने इसे चालू क्यों रखा है?

पितृ पक्ष के दौरान ही ट्रेनें क्यों रुकती हैं?

इस स्टेशन का महत्व धार्मिक कारणों से जुड़ा है. हर साल पितृ पक्ष के मौके पर देश भर से लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण करने गया और आसपास के इलाकों में आते हैं. अनुग्रह नारायण रोड घाट स्टेशन के पास स्थित पुनपुन नदी धार्मिक दृष्टि से बेहद खास मानी जाती है। लोग यहाँ पिंडदान और श्राद्ध करने आते हैं. यही बड़ा कारण है कि हर साल पितृ पक्ष के 15 दिनों के लिए इस स्टेशन पर ट्रेनें रोकती है.

बाकी समय यह वीरान क्यों रहता है?

पितृ पक्ष का समय खत्म होते ही यह स्टेशन फिर वीरान हो जाता है. प्लेटफॉर्म पर न तो कोई स्टॉल है और न ही कोई सुविधा। यहाँ कोई स्थायी कर्मचारी भी नहीं हैं. यात्रियों को ट्रेन पकड़ने के लिए पास के बड़े स्टेशनों पर निर्भर रहना पड़ता है. यानी इस स्टेशन की गतिविधि पूरी तरह से पितृ पक्ष के समय पर निर्भर है.

क्या आप जानते हैं कि कितने रंगों के Passport होते हैं? किन लोगों को मिलता है सफेद पासपोर्ट..!

MORE NEWS

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?