इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली:
Armoured engineer reconnaissance vehicle: अत्यधुनिक सुविधाओं से लेस अगली पीढ़ी का नया बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन युद्ध के मैदान में दुश्मनों को धूल चटाने के साथ-2 गेम चेंजर साबित होगा। यह शब्द भारतीय सेना (Indian army) प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (indian army chief) आज स्वदेशी रूप से विकसित अगली पीढ़ी के बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन के पहले सेट को कोर ऑफ इंजीनियर्स में शामिल करने के दौरान कहे। जनरल नरवणे ने कहा कि यह प्रणाली सेना की मौजूदा इंजीनियर टोही क्षमताओं को और अधिक बढ़ा देगी। भविष्य में भी सीधे तौर पर दुश्मनों से टकराने की बजाए मशीनीकृत वाहनों से जंग लड़ी जाएगी।
Armoured engineer reconnaissance vehicle: भारतीय सेना के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स (armoured engineer reconnaissance vehicle)को दुश्मन की पैदल सेना और बख्तरबंद स्तंभों या आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने के लिए व्यक्तिगत और टैंक-विरोधी वाहनों का एक नया सेट मिलने जा रहा है। यही नहीं जल्द ही भारतीय सेना सात लाख स्वदेशी रूप से विकसित ‘निपुण’ एंटी-पर्सनल खदानों को शामिल करने जा रही है, जिनमें आरडीएक्स का शक्तिशाली मिश्रण है।
Armoured engineer reconnaissance vehicle: डीआरडीओ (drdo) ने भारतीय सेना के लिए दो एंटी टैंक माइंस को बनाया है जिनके नाम विभव और विशाल हैं। यह नेक्स्ट जेनरेशन के हथियार पूरी तरह से मेड इन इंडिया हैं जो नई टैंक रोधी खानों में उनके उन्नत डिजाइन और सेंसर के कारण दुश्मन के टैंकों के खिलाफ आग उगलने में सक्षम हैं।
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