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India News (इंडिया न्यूज), Army Attack Drone: आधुनिक युग में जंग की तकनीक में काफी बदलाव आया है। इस वक्त हमले के लिए ड्रोन का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है। फिर चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध हो या फिर इजराइल-हिजबुल्लाह युद्ध हो। युद्ध में अटैक ड्रोन सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों में से एक हैं। एसिमेट्रिक वॉरफेयर में ड्रोन ने सबको परेशान कर रखा है। बता दें कि, ड्रोन की मदद से सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठे अपने दुश्मन को मार गिराया जा सकता है। जिसमें जोखिम भी सबसे कम है। वहीं, भारतीय सेना इस समय अटैक ड्रोन की कमी से जूझ रही है।
बता दें कि, इस समय भारतीय सेना ‘अटैक ड्रोन’ की कमी से जूझ रही है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सेना को इस समय कम से कम 76 अटैक ड्रोन की जरूरत है और इस समय उनके पास एक भी ड्रोन नहीं है। भारतीय सेना के पास जो ड्रोन हैं, वे सिर्फ जासूसी के लिए हैं। इनकी मदद से कहीं भी हमला नहीं किया जा सकता। भारत ने ये ड्रोन इजराइल से खरीदे हैं। वहीं अगर स्वदेशी ड्रोन की बात करें तो भारत ने हाल के सालों में छोटे ड्रोन हथियार विकसित करने में सफलता हासिल की है। लेकिन उच्च सटीकता और हमला करने की क्षमता वाले ड्रोन बनाना अभी भी चुनौती बना हुआ है।
भारत ने अमेरिका के साथ MQ9B ड्रोन खरीदने का सौदा किया है। यह रक्षा सौदा 34,500 करोड़ रुपये का है। सरकार से सरकार के बीच हुए समझौते के तहत हुए इस सौदे में भारतीय सशस्त्र बलों को 31 लंबी दूरी के ड्रोन मिलेंगे। इसमें थलसेना, वायुसेना और नौसेना शामिल होंगे। लेकिन ये भी सेना की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। साथ ही इनकी डिलीवरी की तारीख भी सामने नहीं आई है। बता दें कि, हथियार मुहैया कराने के मामले में रूस हमेशा से भारत का सबसे भरोसेमंद साझेदार रहा है। फिर भी वह भारत को ड्रोन मुहैया नहीं करा पाया है। दरअसल, रूस के पास भी अमेरिका और तुर्की जैसे ड्रोन हथियार नहीं हैं। वहीं, भारत अब इन ड्रोन के लिए इजरायल और फ्रांस से बात कर रहा है।
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