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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Army Warns Against Rumours) : आर्मी ने अफवाहों में न पड़ने को लेकर नागरिकों को आगाह किया और इसके साथ अग्निपथ योजना के तहत गोरखा सैनिकों की भर्ती जारी रखने का संदेश दिया। भारतीय सेना ने शुक्रवार को बताया कि नेपाल से गोरखाओं की भर्ती के मुद्दे पर इंटरनेट मीडिया पर फर्जी संदेश फैलाया जा रहा है। जिसमें कोई सच्चाई नहीं है। भारतीय सेना ने अपने ट्वीट में कहा कि नेपाल से भारतीय सेना में गोरखाओं की भर्ती के बारे में इंटरनेट मीडिया पर गलत संदेश फैलाया जा रहा है। ऐसे गलत संदेशों से सावधान रहने की जरूरत है।
मालूम हो कि भारतीय सेना में नेपाली गोरखों की भर्ती भारत, नेपाल और ब्रिटेन के बीच हुई त्रिपक्षीय संधि के अनुसार की जाती है। अब तक नेपाली गोरखा भारतीय सेना में अपनी सेवा देते आ रहे हैं। वहीं इस मामले में विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि वह अग्निपथ योजना के तहत ही भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती जारी रखेगा। हालांकि ऐसी आफवाह फैलायी जा रही है कि नेपाल सरकार इस योजना के तहत युवाओं की भर्ती को लेकर बहुत उत्साहित नहीं है।
एक साप्ताहिक प्रेस कांफ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि हम लंबे समय से भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती कर रहे हैं। हम अग्निपथ योजना के तहत ही भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती जारी रखेंगे। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 जून को भारतीय युवाओं के लिए अग्निपथ नामक सशस्त्र बलों की तीन सेवाओं में सेवा देने के लिए एक भर्ती योजना को मंजूरी दी गई थी। जिसे अग्निपथ योजना का नाम दिया गया। इस योजना के तहत चयनित युवाओं को ‘अग्निवर’ के रूप में जाना जाएगा।
अग्निपथ योजना देशभक्त और प्रेरित युवाओं को चार वर्ष की अवधि के लिए सशस्त्र बलों में सेवा करने की अनुमति देती है। अग्निपथ योजना को सशस्त्र बलों के एक युवा प्रोफाइल को सक्षम करने के लिए बनाया गया है। गौरतलब है कि ‘अग्निपथ’ सैनिकों, वायुसैनिकों और नौसेना के नामांकन के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती योजना है। यह योजना युवाओं को सशस्त्र बलों के नियमित कैडर में सेवा करने का अवसर देती है। अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले सभी लोगों को अग्निवीर कहा जाएगा।
चार वर्षो के बाद योग्यता, इच्छा और चिकित्सा फिटनेस के आधार पर केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही नियमित किया जाएगा या फिर से सूचीबद्ध किया जाएगा। इस मामले में सरकार ने यह बताया है कि भारत की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अग्निपथ योजना बनायी गई है। अग्निवीरों को चार वर्ष की सेवा के बाद एक अच्छा वेतन पैकेज और एक निकास सेवानिवृत्ति पैकेज दिया जाएगा।
जिसका उपयोग अग्निवीर अपने शेष जीवन के लिए कर सकेंगे। अंतिम पेंशन लाभ के लिए अनुबंध के तहत सेवा किए गए पहले चार वर्षो पर विचार किए जाने की कोई संभावना नहीं है। अन्य 75 प्रतिशत ‘अग्निवर’ को उनके दूसरे करियर में मदद के लिए उनके मासिक योगदान के साथ-साथ कौशल प्रमाण पत्र और बैंक ऋण द्वारा आंशिक रूप से वित्त पोषित 11-12 लाख रुपये के एक्जिट या ‘सेवा निधि’ पैकेज दिया जाएगा ताकि वे अपने जीवन को नये सिरे से नये क्षेत्र में शुरुआत कर सकें।
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