ADVERTISEMENT
होम / देश / Article 370: जम्मू-कश्मीर में ब्रेक्जिट जैसे जनमत संग्रह का कोई सवाल ही नहीं, सिब्बल की दलील पर बोला सुप्रीम कोर्ट

Article 370: जम्मू-कश्मीर में ब्रेक्जिट जैसे जनमत संग्रह का कोई सवाल ही नहीं, सिब्बल की दलील पर बोला सुप्रीम कोर्ट

BY: Roshan Kumar • LAST UPDATED : August 9, 2023, 11:36 am IST
ADVERTISEMENT
Article 370: जम्मू-कश्मीर में ब्रेक्जिट जैसे जनमत संग्रह का कोई सवाल ही नहीं, सिब्बल की दलील पर बोला सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court

India News (इंडिया न्यूज़), Article 370, दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में Article 370 को निरस्त करने पर ब्रेक्जिट जैसे जनमत संग्रह का कोई सवाल ही नहीं है। कोर्ट ने इस बात पर सुनवाई हो रही है कि Article 370 को निरस्त करना संवैधानिक था या नहीं। न्यायालय ने कहा कि भारत एक संवैधानिक लोकतंत्र है, जहां इसके निवासियों की इच्छा केवल स्थापित संस्थानों के माध्यम से ही सुनिश्चित की जा सकती है।

कपिल सिब्बल ने रखा पक्ष

CJI डी. वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ की यह टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की उस दलील के बाद आई कि संविधान के Article 370 को निरस्त करना ब्रेक्जिट की तरह ही एक राजनीतिक कृत्य था, जहां ब्रिटिश नागरिकों की राय जनमत संग्रह के माध्यम से प्राप्त की गई थी। सिब्बल ने कहा कि जब पांच अगस्त, 2019 को Article 370 को निरस्त किया गया था तब ऐसा नहीं था। सिब्बल नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन की ओर से पेश हुए थे।

संसद को अधिकार नहीं

सिब्बल ने कहा कि संसद ने जम्मू-कश्मीर पर लागू संविधान के प्रावधान को एकतरफा बदलने के लिए अधिनियम को अपनी मंजूरी दे दी। यह मुख्य प्रश्न है कि इस अदालत को यह तय करना होगा कि क्या भारत सरकार ऐसा कर सकती है। केवल संविधान सभा को Article 370 को निरस्त करने या संशोधित करने की सिफारिश करने की शक्ति निहित थी और चूंकि संविधान समिति का कार्यकाल 1957 में समाप्त हो गया था, इसलिए जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संवैधानिक प्रावधान को स्थायी मान लिया गया।

ईयू से हुआ था अलग

ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने को ‘ब्रेक्जिट’ कहा जाता है। ब्रिटेन का यूरोपीय संघ से बाहर निकलना राष्ट्रवादी उत्साह में वृद्धि, कठिन आप्रवासन मुद्दों और संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था के कारण हुआ। हालांकि जिन मुद्दों के कारण ब्रिटेन, यूरोप से अलग हुआ वह आज भी उसका सामना कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की पीठ सुनवाई कर रही है इसमें सीजेआई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत शामिल है।

यह भी पढ़े-

Tags:

article 370AssemblybiharChief Justice DY ChandrachuddemocracyEuropean UnionJ&Kkapil sibalMadhya PradeshNew DelhiParliamentRajya sabhasupreme courtUKunion territoriesअनुच्छेद 370आर्टिकल 370सुप्रीम कोर्ट

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT