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India News(इंडिया न्यूज),Arunachal Pradesh: अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी इन दिनों भारत दौरे पर है। जहां गार्सेट ने बुधवार को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट में द्वितीय विश्व युद्ध संग्रहालय का अनावरण किया। जिसके बाद उन्होने भारत के सम्मान में कई सारी बातें बोली। गार्सेटी ने कहा कि, दुनिया को भारत की सीमाओं का सम्मान करना चाहिए।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और गार्सेटी ने पूर्वोत्तर राज्य के पासीघाट में ‘द हंप WWII संग्रहालय’ का उद्घाटन किया, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मित्र देशों की सेनाओं के शहीद वायुसैनिकों को समर्पित एशिया का दूसरा संग्रहालय है। जिसके बाद गार्सेटी ने कहा कि, “आज हम भारत के लिए एक महान मित्र बनने, उसकी सभी सीमाओं को पहचानने, उनका सम्मान करने और दुनिया से भी ऐसा करने का आह्वान करने के अलावा कैसे आगे बढ़ सकते हैं।”
गार्सेटी ने दावा किया कि द हंप सिर्फ भारत के किसी दूरदराज के हिस्से में, अमेरिका से आधी दुनिया में बसा एक संग्रहालय नहीं है, बल्कि पहले से ही एक विश्व स्तरीय संग्रहालय है।उन्होंने कहा, “यह केवल अरुणाचल प्रदेश या उन परिवारों के लिए उपहार नहीं है, जिनका जीवन यहां आने पर प्रभावित होगा, बल्कि यह भारत और दुनिया के लिए एक उपहार है।”
1942 से 1945 तक, सैन्य विमानों ने ईंधन, भोजन और गोला-बारूद जैसी लगभग 650,000 टन आपूर्ति पहुंचाई। 2016-17 में, अमेरिकी रक्षा POW/MIA अकाउंटिंग एजेंसी (DPAA) ने बेहिसाब अमेरिकी वायुसैनिकों के अवशेषों की तलाश में 30 दिनों के लिए एक टीम तैनात की थी। भारत में लगभग 400 अमेरिकी वायुसैनिक लापता हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें से अधिकांश के अवशेष उत्तर-पूर्व में, विशेषकर अरुणाचल प्रदेश में हिमालय के पहाड़ों में स्थित हैं।
इसके साथ ही बता दें कि, खांडू ने कहा कि ‘द हंप’ द्वितीय विश्व युद्ध के शहीद नायकों को राज्य के लोगों की ओर से एक श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि इतिहास को समय के साथ लुप्त नहीं होने देना चाहिए और आशा व्यक्त की कि यह संग्रहालय युवा पीढ़ी को मित्र देशों की सेनाओं के साहस की याद दिलाएगा जिन्होंने लोकतंत्र और स्वतंत्रता के खतरे के खिलाफ लड़ने के लिए ‘हंप’ पर उड़ान भरी थी।
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