केजरीवाल के आरोपों का तिहाड़ जेल प्रशासन ने खंडन किया, जिसमें दावा किया गया कि एम्स के विशेषज्ञों के साथ वीडियो परामर्श के दौरान न तो इंसुलिन का मुद्दा उठाया गया और न ही इसकी आवश्यकता।
इसके साथ ही इस मामले में आप नेता सौरव भारद्वाज ने बजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि, “आज यह स्पष्ट हो गया है कि मुख्यमंत्री सही थे, उन्हें इंसुलिन की जरूरत थी। लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार के अधीन अधिकारी जानबूझकर उनका इलाज नहीं कर रहे थे। मुझे बताओ भाजपाइयों! अगर इंसुलिन की जरूरत नहीं है तो अब क्यों दे रहे हो?
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सोमवार को तिहाड़ जेल अधीक्षक को लिखे पत्र में, श्री केजरीवाल ने जेल प्रशासन के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्होंने डॉक्टरों के साथ परामर्श में इंसुलिन का मुद्दा कभी नहीं उठाया था। श्री केजरीवाल इस बात पर जोर देते हैं कि उन्होंने 10 दिनों के दौरान इंसुलिन की मांग का मुद्दा लगातार उठाया था।
आप ने आरोप लगाया है कि तिहाड़ प्रशासन ने श्री केजरीवाल को नुकसान पहुंचाने की साजिश का आरोप लगाते हुए उनका इंसुलिन रोक दिया है। वहीं इस मामले में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया है कि आप नेताओं का लक्ष्य लोकसभा चुनाव के दौरान श्री केजरीवाल के स्वास्थ्य के प्रति जनता की सहानुभूति पैदा करना था।
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