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India News (इंडिया न्यूज), Arvind Kejriwal: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार दोपहर को कथित शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री को नियमित जमानत देने वाली निचली अदालत पर अंतरिम रोक बरकरार रखी, जिसके बाद अरविंद केजरीवाल जेल में ही रहेंगे। पिछले सप्ताह प्रवर्तन निदेशालय ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। संघीय एजेंसी जिसने मार्च में शराब नीति मामले के सिलसिले में AAP नेता को गिरफ्तार किया था। ईडी ने शहर की एक अदालत के नियमित जमानत आदेश को चुनौती देते हुए अंतिम समय में एक याचिका दायर की, जिसे उसने “विकृत” और “त्रुटिपूर्ण” कहा।
उच्च न्यायालय ने कहा, “मुख्य याचिका (जिसमें अभियोजन पक्ष ने श्री केजरीवाल के जमानत आदेश को चुनौती दी थी) में लगाए गए कथनों और आरोपों पर उचित विचार की आवश्यकता है…” तथा कहा कि निचली अदालत “पीएमएलए की धारा 70 के तहत अरविंद केजरीवाल के प्रतिनिधि दायित्व पर चर्चा करने में भी विफल रही है।”
पिछले सप्ताह प्रवर्तन निदेशालय ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था । संघीय एजेंसी जिसने मार्च में शराब नीति मामले के सिलसिले में आप नेता को गिरफ्तार किया था। ईडी ने शहर की अदालत के नियमित जमानत आदेश को चुनौती देते हुए अंतिम समय में याचिका दायर की, जिसे उसने “विकृत” और “त्रुटिपूर्ण” बताया। उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुना और फिर आज अपना पूरा फैसला आने तक श्री केजरीवाल की रिहाई पर अंतरिम रोक लगाने का निर्देश दिया।
सोमवार को श्री केजरीवाल ने उस अंतरिम रोक के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया। सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया, यह देखते हुए कि जब उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, तो उसके लिए हस्तक्षेप करना अनुचित होगा। हालांकि, उसने स्वीकार किया कि उच्च न्यायालय की कार्रवाई “असामान्य” थी। न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने कहा, “स्थगन के मामलों में आदेश सुरक्षित नहीं रखे जाते बल्कि मौके पर ही पारित कर दिए जाते हैं। यहां जो हुआ वह असामान्य है।”
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