होम / मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ मोहन भागवत की मुलाकात महत्वपूर्ण इवेंट

मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ मोहन भागवत की मुलाकात महत्वपूर्ण इवेंट

Vir Singh • LAST UPDATED : September 27, 2022, 1:45 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ मोहन भागवत की मुलाकात महत्वपूर्ण इवेंट

मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ मोहन भागवत की मुलाकात महत्वपूर्ण इवेंट : अरविन्द मोहन

अरविन्द मोहन, नई दिल्ली, (Arvind Mohan On Bhagwat Meeting With Muslim Intellectuals) : यह दिलचस्प है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से मिलकर आने वाले पांच चर्चित मुसलमान लोग खुद से सफाई दे रहे हैं कि संघ प्रमुख से मिलने का समय उन्होंने लिया था। भागवत अपने चार-पाँच प्रमुख सहयोगियों के साथ मिले थे और ऐसी मुलाकात एक महत्वपूर्ण घटना है। इसमें किसी किस्म के अपराधबोध के आने का मतलब उसके महत्व को काम करना ही है। और जो बातें जामिया के कुलपति और आईएएस रहे नजीब जंग और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी साहब के हवाले से आ रही हैं वे और भी हल्की हैं।

Arvind Mohan On Bhagwat Meeting With Muslim Intellectuals

अरविन्द मोहन

दिखावटी मुद्दों पर सहमति का कोई मतलब नहीं

सिर्फ गाए की कुबार्नी और जेहादी या काफिर न कहे जाने जाने दिखावटी मुद्दों पर सहमति का कोई मतलब नहीं है और ना इतनी ही बात करने जाने की जरूरत थी। कुरैशी का इंडियन एक्सप्रेस में लिखा लेख भी यही सब कहता है और हल्का है। और जैसा उन्होंने लिखा है उन लोगों को अपने इस कदम के लिए काफी मुसलमानों और कुछ हिंदुओं से वाहवाही मिल रही है तो काफी मुसलमानों से गालियां। वे यह भी सवाल उठाया रहे हैं कि आपको मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करने के लिए किसने चुन दिया। प्रतिक्रिया वाले ये चीजें तो सही हैं लेकिन बातचीत के कंटेन्ट का मामला, यदि मुद्दे यही थे तो, हल्का है।

भागवत की तरफ से आए संकेत बहुत पॉजिटिव

उन लोगों की तुलना में संघ और मोहन भागवत की तरफ से आए संकेत बहुत पॉजिटिव हैं। संघ प्रमुख न सिर्फ इन लोगों से मिलने में अपनी पूरी टोली के साथ आए, जिसमें मुसलमानों के बीच काम करने वाले संघ एक पदाधिकारी इंद्रवेश भी शामिल थे, बल्कि इसके बाद उन्होंने एक मस्जिद में इमाम से लंबी बात की और मदरसा में भी गए। यह कोई सीक्रेट मिशन न था, जो ध्वनि कुरैशी जैसों की सफाई से आती है। यह संघ प्रमुख की सक्रियता और उनके मन में चलाने वाले कार्यक्रम की दमदार अभिव्यक्ति है। इससे पहले मोहन भागवत ने काशी के ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग होने के विवाद के चरम पर होने के दौरान भी यह साहसी बयान दिया कि हर मस्जिद में शिव लिंग क्यों ढूँढना।

एक वरिष्ठ स्वयंसेवक को मुसलमानों से संवाद के लिए तैनात किया

संघ ने पिछले की वर्षों से अपने एक वरिष्ठ स्वयंसेवक को मुसलमानों से संवाद के लिए तैनात किया है और उनके भी काम की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने लगभग सभी मुसलमान जमातों से अच्छ-बुरा, लेकिन संवाद जरूर किया है। मुसलमानों के बाद संघ प्रमुख मेघालय के एक ईसाई मिशन स्कूल में गए, एक कबीलाई लोक पर्व में हिस्सा लिया इन सभी अवसरों पर उनका जो भाषण सार्वजनिक हुआ वह संघ की पुरानी राय से और स्थापित मान्यताओं ही नहीं छवि से भी अलग लगता है। जो रोना कुरैशी कर रहे हैं उससे ज्यादा गालियां संघ प्रमुख को हिंदुत्ववादी ब्रिगेड की तरफ से आ रही हैं। सोशल मीडिया इसकी एक झलक देता है। अपने स्वभाव के अनुकूल संघ प्रमुख ने न तो इस पर प्रतिक्रिया दी है न गालियों का सार्वजनिक जिक्र करके कोई सहानुभूति पाने की कोशश की है।

हिन्दी पढ़ाने की वकालत कर रहे मोहन भागवत

भागवत तो अब हिंदुस्तान में रहने वाले सारे लोग हिन्दू वाले पुराने बयान से भी आगे जाकर किसी तरह का धर्मांतरण ही न होने जैसे बयान दे रहे हैं। मदरसे खत्म करने की जगह उनकी पाठ्य सामग्री में बदलाव और उसके ज्यादा हिन्दुस्तानी होने की, हिन्दी पढ़ाने की वकालत कर रहे हैं। यह संघ की बुनियादी मान्यताओं से अलग है और गुरु गोलवलकर की किताबों ‘ए बन्च आफ थाट’ तथा ह्यवी, आवर ‘नेशनहुड़ डिफाइंड’ की काफी सारी बातों से उलट है। हिन्दुत्व और हिंदुस्तान की अब की व्याख्या से संघ की पुरानी विचारधारा का कोई मेल नहीं है। पर संघ प्रमुख की आलोचना में सक्रिय या बयान न देकर हैरान होने में सिर्फ संघी या हिंदुत्ववादी ब्रिगेड के उश्रुनखल तत्व ही नहीं है, संघ की राय को न मानने वाले या उसका विरोध करने वाले भी काफी बड़ी संख्या में हैं। वे भागवत के बयान और कदमों को लेकर हैरान हैं, परेशान हैं और इसमें कोई षडयन्त्र देखने की, कोई आगे की रणनीति देखने की कोशिश कर रहे हैं।

संघ का इतिहास बहुत पुरानी मान्यताओं को छोड़ने का भी

अब जिस संघ की स्थापना राष्ट्रवाद की, राष्ट्रीयता की, मातृभूमि-पितृभूमि की ही नहीं राष्ट्रीय आंदोलन, गांधी, हिन्दी समेत हर मुद्दे पर अलग और स्पष्ट राय के साथ हुई हों उसमें ऐसा बदलाव अनजाने तो नहीं ही हुआ है। और अगर आपको गुरु जी के सात सावरकर को भी मिलाकर देखना हों, जो आज के हिंदुत्ववादी लोग कर ही रहे हैं, तो भागवत का आचरण एकदम अजीब लगेगा। पर संघ का इतिहास बहुत ज्यादा बदलाव और पुरानी मान्यताओं को छोड़ने का भी रहा है। इस मामले में मोहन भागवत से भी आगे कुप्पा सी. सुदर्शन थे। और जिस संघ प्रमुख बाला साहब देवरस के कार्यकाल में संघ ने सबसे ज्यादा प्रगति की उनका कहना था कि बाकी सब बातें बदल सकती हैं लेकिन हिंदुस्तान हिन्दू राष्ट्र है इसमें बदलाव नहीं हों सकता।

हम देखते हैं कि गांधी का विरोध छोड़कर उनको प्रात:स्मरणीय बना लिया गया, आजादी के बावन साल बाद संघ मुख्यालय पर राष्ट्र ध्वज फहराया गया, आरक्षण का विरोध छोड़कर उसका समर्थन हुआ, छिटपावन ब्राह्मण की जगह दूसरी बिरादरी को संघ प्रमुख बनाने का अवसर मिला। छिटपवं पुरुष और अन्य जाति की औरत के संयोग से बाकी का नस्ल सुधार और मुसलमानों-ईसाइयों-कम्युनिष्टों के सफए जैसी गुरु जी की मूल बातें तो अब कोई चर्चा में भी नहीं लाता। बल्कि उनकी किताबों से ये अंश भी अब निकाल दिए गए हैं।

विजयादशमी के कार्यक्रम में पहली बार महिला को न्योता

अब यह ‘न्यूजब्रेक’ करने में कोई हर्ज नहीं है कि संघ इस बार अपने विजयादशमी के कार्यक्रम में, जिस दिन 1925 में उसकी स्थापना हुई थी, पहली बार एक महिला को न्योता दे रहा है। इन 97 सालों में संघ के कार्यक्रमों से महिलाओं को दूर रखा जाता था। सो दलित, आदिवासी, पिछड़ा, नस्ल सुधार, मुसलमान, ईसाई, तिरंगा और गांधी के बारे में ही संघ ने अपनी राय नहीं बदली यही(अभी तक कम्युनिष्टों को इस तरह का ह्यसुखह्ण नहीं मिला है और अब वही एकमात्र दुश्मन बचे लगते हैं), वह महिला और अनेक मामलों में बदला है।

संघ की तरफ से कोई विरोध न होना भी बदलाव ही था

इस सरकार ने समलैंगिता से जुड़े कानून बदले तो संघ की तरफ से कोई विरोध न होना भी बदलाव ही था। सो लोग इस बदलाव की वजह समझने का प्रयास कर रहे हैं। कोई इसे मोदी के चुनाव अभियान में पसमांडा मुसलमानों का समर्थन जुटाने का अभियान माँ रहा है तो कोई हिन्दुत्व के नाम पर जुटी लुमपेन फौज से होने वाली तकलीफ को काम करने की कोशिश। अपने चुनाव में उनके निश्चित वोट पर भरोसा रखने वाले आँरेन्द्र मोदी चाहकर भी ऐसा नहीं कर सकते। सो संघ परिवार की तरफ से यह जहर भागवत पी रहे हैं क्योंकि उनको किसी से वोट मांगने और अपनी सत्ता बचाने के लिए वोट पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है।

ये भी पढ़ें : ऐपल के सीईओ टिम कुक ने इसलिए की भारतीय मूल की बेटी की तारीफ

ये भी पढ़ें : पाकिस्तान को 450 मिलियन डॉलर देने के लिए भारत ने की अमेरिकी की कड़ी आलोचना

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

पुरूषों की ताकत को जगा देगी ये छोटी काली चीज, पावर कैप्सूल लेने की नहीं पड़ेगी जरूरत, मिलेगी घोड़ों जितनी क्षमता
पुरूषों की ताकत को जगा देगी ये छोटी काली चीज, पावर कैप्सूल लेने की नहीं पड़ेगी जरूरत, मिलेगी घोड़ों जितनी क्षमता
CM योगी के समर्थन में उतरे धीरेंद्र शास्त्री, मुस्लिम धर्म को लेकर उठाए ये सवाल
CM योगी के समर्थन में उतरे धीरेंद्र शास्त्री, मुस्लिम धर्म को लेकर उठाए ये सवाल
मुसलमानों की हालत बिरयानी के… ये क्या बोल गए यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, अब सीएम योगी लेंगे क्लास!
मुसलमानों की हालत बिरयानी के… ये क्या बोल गए यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, अब सीएम योगी लेंगे क्लास!
इंदौर में होगी अजब गजब इश्क की शूटिंग, चुलबुली रोमांटिक कहानी से सजी है फिल्म
इंदौर में होगी अजब गजब इश्क की शूटिंग, चुलबुली रोमांटिक कहानी से सजी है फिल्म
देहरादून के सड़क पर नहीं थम रहे हादसे! ऑटो चालक की मौके पर मौत
देहरादून के सड़क पर नहीं थम रहे हादसे! ऑटो चालक की मौके पर मौत
छत्तीसगढ़ में 3 नर कंकाल मिलने से हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस
छत्तीसगढ़ में 3 नर कंकाल मिलने से हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस
दिल्ली के स्कूलों में मास्क लगाना अनिवार्य, खुले क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों पर रोक
दिल्ली के स्कूलों में मास्क लगाना अनिवार्य, खुले क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों पर रोक
शराब ने मचाया तूफान! बीजेपी और कांग्रेस हुए सामने… एक ने कसा तंज तो दूसरा कर रहा मर्दाना टेस्ट की बात
शराब ने मचाया तूफान! बीजेपी और कांग्रेस हुए सामने… एक ने कसा तंज तो दूसरा कर रहा मर्दाना टेस्ट की बात
NCB ने दिल्ली में ड्रग्स नेटवर्क का किया भंडाफोड़, 8 विदेशी नागरिकों को किया गिरफ्तार
NCB ने दिल्ली में ड्रग्स नेटवर्क का किया भंडाफोड़, 8 विदेशी नागरिकों को किया गिरफ्तार
शादी में न पनीर..न होगा चिकन मेहमानों के लिए बनाया ये नियम, जानें क्यों हो रही चर्चा
शादी में न पनीर..न होगा चिकन मेहमानों के लिए बनाया ये नियम, जानें क्यों हो रही चर्चा
गुरु नानक जयंती पर लोगों की सेवा में जुटे ये सेलेब्स, निमरत कौर ने बनाया ‘कड़ा प्रसाद’ तो दिलजीत दोसांझ पहुंचे गुरुद्वारे
गुरु नानक जयंती पर लोगों की सेवा में जुटे ये सेलेब्स, निमरत कौर ने बनाया ‘कड़ा प्रसाद’ तो दिलजीत दोसांझ पहुंचे गुरुद्वारे
ADVERTISEMENT