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India News (इंडिया न्यूज), Atal Tunnel: नया साल शुरु होने वाला है। फ्राइडे नाइट से ही लोगों ने सेलिब्रेट करना शुरु कर दिया है। जिसके लिए लोग राइड पर निकल चुके हैं। खास कर मनाली और शिमला जैसे लोकप्रिय स्थलों पर लोगों की भीड़ उमड़ रही है। इसकी वजह से ट्रैफिक जाम की समस्य हो रही है। वहीं नए नवीले अटल सुरंग के पास के एक गांव में पर्यटकों द्वारा कचरों का ढ़ेर जमा कर दिया गया है। जिसे देखते हुए भारतीय वन सेवा के अधिकारी प्रवीण कासवान ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से अपील की है।
उन्होंने ‘हीलिंग हिमालय’ के संस्थापक प्रदीप सांगवान को टैग करते हुए सोशल मीडिया पर मेसेज शेयर किया है। जिसमें उन्होंने लिखा कि “हम पहाड़ों में क्या छोड़ रहे हैं! यह सिस्सू गांव है – एक बार जब आप अटल सुरंग पार करते हैं तो पहले दो गांव सिस्सु और खोकसर हैं। अब हर रोज Atal Tunnel में हजारों वाहन प्रवेश कर रहे हैं। क्या लोगों को अपना कचरा वापस नहीं लेना चाहिए!”
What we are leaving behind in hills !!
This is village Sissu – once you cross Atal tunnel the first two villages are Sissu & Khoksar.
Now thousands of vehicles are entering Atal tunnel everyday.
Aren’t people supposed to take their trashes back!! @healinghimalaya pic.twitter.com/W53Zpsm4LC
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) December 31, 2023
वहीं ‘हीलिंग हिमालय’ के संस्थापक ने भी यही बात दोहराते हुए अपने एक्स अकाउंट पर तस्वीरें पोस्ट की है। उन्होंने लिखा कि ”लंबे सप्ताहांत के दौरान करीब 10000 वाहनों ने Atal Tunnel में प्रवेश किया। दो छोटे गाँव सिस्सू और खोकसर वर्तमान में अधिकतम लाभ का आनंद ले रहे हैं लेकिन पीछे छोड़े गए कचरे की मात्रा चिंता का कारण है। जब तक एक समुदाय के रूप में हम चिंतित नहीं होंगे तब तक कुछ भी नहीं बदलने वाला है। खोकसर गांव में हमारी अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा अप्रैल 2024 के मध्य से चालू हो जाएगी। एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण की उम्मीद है।
हिमालय में कूड़े के बारे में कासवान की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए संस्थापक ने उल्लेख किया। उन्होंने कहा “हमने ठोस कचरे को संभालने के लिए खोकसर गांव में अपनी सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधा का निर्माण किया है। यह अप्रैल से चालू हो जाएगा और उम्मीद है कि हम सितंबर के मध्य तक इसे सुव्यवस्थित करने में सक्षम होंगे। उसके बाद एकमात्र मुद्दा कूड़ा-कचरा और उसका संग्रहण होगा। नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में अलग दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
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