India News (इंडिया न्यूज़), Atiq-Ashraf Murder Case, प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ हत्याकांड को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, तीनों आरोपी शूटर्स जब माफिया ब्रदर्स पर निशाना साध रहे तो उस वक्त वहां पर दो लोग और मौजूद थे। ये दोनों लोग तीनों आरोपियों को लगातार इंस्ट्रक्शन दे रहे थे। हालांकि, पुलिस को अभी तक इन दोनों का नाम पता नहीं चला है। फिलहाल पुलिस इसकी जांच कर रही है। अब SIT को इन दोनों की तलाश है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों में एक मददगार प्रयागराज का ही है। सिर्फ इतना ही नहीं इन लोगों ने तीनों आरोपियों के रहने-खाने का भी बंदोबस्त किया हुआ था। रेकी के वक्त दोनों ने इनकी मदद में पूरा साथ दिया था। बता दें कि अतीक-अशरफ हत्याकांड में जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है। वैसे-वैसे हर रोज कई नए खुलासे हो रहे हैं। हत्याकांड के दौरान दोनों साथियों में से एक अस्पताल परिसर और दूसरा अस्पताल के बाहर ही खड़ा हुआ था।
अपना मोबाइल फोन शूटर्स होटल में ही छोड़कर आए थे। इसके बावजूद दोनों को लगातार अतीक और अशरफ की सटीक लोकेशन मिल रही थी। एसआईटी को होटल से शूटर्स के दो पुराने मोबाइल भी मिले हैं। हालांकि, इनमें कोई सिम नहीं है। वहीं अतीक के बेटे असद के फोन से भी पुलिस को कई बड़ी जानकारियां हाथ लगी हैं। जोकि 13 अप्रैल को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था।
इसके अलावा शेरे अतीक नाम के व्हाट्सएप ग्रुप का भी पुलिस को पता चला है। असद अहमद ने इस ग्रुप को बनाया था। इस व्हाट्सग्रुप ग्रुप में प्रयागराज, फतेहपुर और कौशांबी के करीब 200 मेंबर जुड़े थे। बता दें कि इस ग्रुप को उमेश पाल हत्याकांड से कुछ दिन पहले डिलीट कर दिया गया था। पुलिस इस ग्रुप में जुड़े नंबरों की जांच कर रही है। ताकि मामले में लोगों से पूछताछ कर सके।
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