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'दादी के लिए बच्चा…', अतुल सुभाष केस में SC ने ये क्या कह दिया? सुनकर कलेजा हो जाएगा छलनी

BY: Sohail Rahman • LAST UPDATED : January 7, 2025, 11:13 pm IST
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'दादी के लिए बच्चा…', अतुल सुभाष केस में SC ने ये क्या कह दिया? सुनकर कलेजा हो जाएगा छलनी

Atul Subhash Case Latest Updates (सुप्रीम कोर्ट ने अतुल के बेटे की कस्टडी दादी को देने से किया इनकार)

India News (इंडिया न्यूज), Atul Subhash Case Latest Updates: इंजिनियर अतुल सुभाष के चार वर्षीय बेटे की कस्टडी को लेकर कई सप्ताह से चल रहे सस्पेंस को खत्म करते हुए उनकी अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उनका बेटा हरियाणा के फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में है। निकिता के वकील ने कहा कि बच्चे को बेंगलुरु ले जाया जाएगा, जहां वह अपनी मां के साथ रह सकता है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, 34 वर्षीय अतुल सुभाष ने दिसंबर में आत्महत्या कर ली थी। अतुल ने आत्महत्या करने से पहले 90 मिनट का वीडियो बनाकर और 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखकर निकिता और उसके परिवार के सदस्यों पर झूठे मामले दर्ज करके उन्हें और उनके माता-पिता को परेशान करने का आरोप लगाया था। 

तीनों आरोपी जमानत पर हैं बाहर

इस मामले में बेंगलुरु पुलिस ने निकिता, उनकी मां निशा और उनके भाई अनुराग को गिरफ्तार किया था। हालांकि कोर्ट ने इन तीनों को जमानत दे दी है। इन तीनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला चल रहा है। इन सब गहमागहमी के बीच, यह जानकारी सामने आ रही है कि, अतुल की मां अंजू देवी ने अपने पोते की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। निकिता के वकील ने आज कोर्ट को बताया कि चार वर्षीय बेटे का दाखिला फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में हुआ था और वह अपनी मां की गिरफ्तारी और उसके बाद जमानत के दौरान वहीं था। हालांकि, बच्चे को बेंगलुरु ले जाना होगा, क्योंकि निकिता को अपनी जमानत की शर्तों के अनुसार वहां रहना होगा।

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निकिता के वकील ने कोर्ट में दी ये दलील

निकिता के वकील ने न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ से कहा, “हम बच्चे को बेंगलुरु ले जाएंगे। हमने लड़के को स्कूल से निकाल दिया है। जमानत की शर्तों को पूरा करने के लिए मां को बेंगलुरु में ही रहना होगा। तो वहीं दूसरी तरफ अंजू देवी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने अदालत से कहा कि दादी होने के नाते उन्हें बच्चे की कस्टडी दी जानी चाहिए। वकील ने कहा कि छह साल से कम उम्र के बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में नहीं भेजा जाना चाहिए।

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पीठ ने कही ये बात

पीठ ने यह भी कहा कि बच्चे ने अपनी दादी के साथ मुश्किल से ही समय बिताया है। न्यायमूर्ति नागरत्ना ने टिप्पणी की, “यह कहते हुए खेद हो रहा है लेकिन बच्चा याचिकाकर्ता के लिए अजनबी है।” अंजू देवी के वकील ने कहा कि उनके पास बच्चे के साथ दादी की बातचीत की तस्वीरें हैं, जब वह दो साल का था। अतुल और निकिता ने 2019 में शादी की और अगले साल उनका एक बेटा हुआ। 2021 में निकिता ने एक विवाद के बाद अपना बेंगलुरु घर छोड़ दिया और 2022 में उसने अतुल और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कराया।

अदालत ने इस बात पर भी जोर दिया कि निकिता सिंघानिया को अभी दोषी साबित होना है और वह इस मामले पर “मीडिया ट्रायल” के आधार पर फैसला नहीं कर सकती। पीठ ने कहा कि बच्चे की कस्टडी के मुद्दे को उचित अदालत में उठाया जाना चाहिए, जहां मुकदमा चल रहा है। मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।

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