India News(इंडिया न्यूज), Aurangabad News: औरंगाबाद का सदर अस्पताल किसी न किसी बात को लेकर आए दिन विवादो में रहता है। यहां तक की जमकर हंगामा, चिकित्सको के साथ मारपीट भी देखने को मिलता है। जिसके कारण अस्पताल की काफी बदनामी तक होती है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है। ऐसा ही मामला आज सदर अस्पताल में देखने को मिला जहां अस्पताल के सुरक्षा में तैनात एक गार्ड मरीज के परिजन से उलझ गया।
पहले तो दोनो के बीच खूब बाता बाती हुई फिर कॉलर पकड़ा पकड़ी के बाद जमकर हाथापाई भी हो गई। दोनो के बीच हाथापाई होते देख अस्पताल में तैनात सुपरवाइजर देवबली सिंह पहुंच दोनों को समझा- बुझाकर मामले को शांत करवाया। जाते जाते दोनों ने एक दूसरे को देख लेने की धमकी दे रहे थे।
तैनात गार्ड अक्षय कुमार पर कारवाई की मांग
हंगामा कर रहे युवक से जब पूछा गया की मामला क्या है तो उसने बताया कि अस्पताल में पदस्थापित गार्ड हमेशा महिला मरीजों के साथ काफी बदसुलूकी करता है और आज भी उसके ओर से ऐसा ही किया गया। जिसे देख मुझसे बर्दास्त नही हुआ। जब इसका विरोध किया तो गार्ड मारपीट पर उतारू हो गया। युवक ने इसकी जानकारी सिविल सर्जन डॉक्टर रवि भूषण श्रीवास्तव को दी है और इस मामले में गार्ड अक्षय कुमार पर कारवाई की मांग की है।
फील्ड ऑफिसर ने कहा लगे सीसीटीवी कैमरे को देखा जायेगा
वही इस बारे में सुरक्षा में तैनात सिक्युरिटी गार्ड अक्षय कुमार सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि आज सोमवार होने के कारण सदर अस्पताल में मरीजों की काफी भीड़ होती है। युवक और साथ में रही एक महिला जबरन नंबर तोड़ कर बीच में घुस रहे थे। दोनो को जब खींचकर हटाया तो युवक ने महिला के साथ बदसुलूकी किए जाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया और मुझे गालियां दी।
वहीं सिक्युरिटी एजेंसी के फील्ड ऑफिसर उपेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि अस्पताल में जो सीसीटीवी कैमरे लगे है उन्हें देखा जायेगा, अगर सिक्युरिटी गार्ड की गलती निकलती है तो उनके खिलाफ सख्त कारवाई की जायेगी।
गार्ड करते है हेरा-फेरी
गौरतलब हो कि सदर अस्पताल में हंगामा का यह कोई पहला मामला नहीं है। सुरक्षा में तैनात गार्ड द्वारा पहले भी मरीजों से पैसे लेकर बिना नंबर के ही डॉक्टर से दिखाने का मामला आया था। जिसमे गार्ड ने मरीज की पिटाई तक कर डाली थी। हड्डी रोग के स्पेशलिस्ट डॉक्टर उदय प्रकाश पटना से सदर अस्पताल मरीजों को देखने आते है और उनकी ड्यूटी सप्ताह में मात्र दो दिन ही है।
जिसको लेकर मरीजों की काफी भीड़ होती है। ऐसे में मरीजों को डॉक्टर उदय से दिखा पाना किसी चुनौती से कम नहीं रहती। इसी का फायदा गार्ड उठाते है और मरीजों से पैसा लेकर डायरेक्ट ही बिना नंबर के डॉक्टर से दिखा देते है।
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