इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली।
Azadi Ka Amrit Mahotsav आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज आजादी के अमृत महोत्सव में ऑनलाइन हिस्सा लेते हुए कहा कि जब देश को संवारने का संकल्प ले लिया जाता है तो एक नए सवेरे का उदय होता है। इस मौके पर देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह सब देशवासियों की लगन से ही संभव हो पाया है। ब्रह्माकुमारी संस्था के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर, कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इसमें स्वर्णिम भारत के लिए साधना भी है और भावना भी। इससे देशवासियों को प्रेरणा लेनी चाहिए और राष्ट्र को आगे ले जाने के लिए काम भी करना चाहिए। क्योंकि राष्ट्र की उन्नति में ही हम सब की तरक्की छिपी है।
राष्ट्र सर्वोपरि Azadi Ka Amrit Mahotsav
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र मजबूत होगा तो हम सब मजबूत होंगे। क्योंकि हमरा अस्तित्व देश से हैं और देश का हमसे। आज देश जिस तरह से तरक्की के पथ पर चल रहा है उसमें सबका योगदान शामिल है। देशवासियों के अथक प्रयासों से ही आज हम सब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत मेंं ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जिसमें किसी भी प्रकार के भेदभाव की कोई जगह नहीं है। एक ऐसा माहौल जिसमें सभी लोग एक समान हों और व्यवस्था ऐसी जो कि सामाजिक न्याय के मजबूत ढांचे पर खड़ा हो। आज के युुवा की सोच नई है और अप्रोच भी नई है। आज का युवा देश को प्रगति के पथ पर आगे ले जाने में सक्षम है और प्रगतिशील भी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में सदियों से ही मातृशक्ति को अलग ही दर्जा दिया गया है। यहां मां को भी पूजा जाता है और देवी की उपासना भी की जाती है। हमारे यहां गंगा को भी मां कहकर पुकारा जाता है। हमारे देश में मैत्रेयी, अनुसूया, गार्गी, मदालसा और अरुंधति जैसी महान विदुषियां समाज को अपनी वाणी से ज्ञान का प्रवाह करती थी। स्वाधीनता संग्राम से लेकर आज तक हमारे देश में महिलाओं ने न सिर्फ बलिदान दिया है बल्कि आज के समय में भी भारतीय महिलाएं अपनी काबिलियत के दम पर देश के प्रगति में अपना अहम योगदान दे रही हैं।
आजादी के अमृत महोत्सव पर बोलते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज हमें ऐसे भारत का निर्माण करना है जिसमें हम अपनी परंपराओं को सहेजते हुए नए भारत के मिशन को कामयाब कर सकें। यही नहीं आज हमें ज्ञान, शोध और नवाचार पर आत्ममंथन करना होगा। क्योंकि आज का समय अब वो पुराना वक्त नहीं है। आज हमें तकनीक,मूलभूत ढांचा,स्वास्थ्य, शिक्षा को पुराने ढर्रे से निकालते हुए दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाते हुए आधुनिकता की ओर ले जाना है। आने वाले 25 साल बहुत अहम होने वाले हैं। जिसमें हमने स्वर्णिम भारत का सपना साकार करने के लिए संकल्प लेना होगा और अपनी मेहनत के बल पर उस कार्य को करने के लिए प्रतिबद्ध होना होगा।
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