India News(इंडिया न्यूज), Coronil Vaccine: दिल्ली हाईकोर्ट आज, 29 जुलाई, को पतंजलि आयुर्वेद और उसके प्रमुख बाबा रामदेव के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर फैसला सुनाने वाला है। यह याचिका कोरोना महामारी के दौरान बाबा रामदेव द्वारा पतंजलि की कोरोनिल को कोविड-19 की इलाज की दवा बताने के खिलाफ दायर की गई थी।
कोरोना महामारी के दौरान, बाबा रामदेव ने कोरोनिल को न केवल इम्यूनिटी बूस्टर बल्कि कोविड-19 का इलाज करने वाली दवा के रूप में प्रचारित किया था। इसके बाद, डॉक्टरों की विभिन्न एसोसिएशन ने 2021 में बाबा रामदेव, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ याचिका दायर की।
डॉक्टरों की एसोसिएशनों ने याचिका में यह मांग की थी कि मीडिया प्लेटफॉर्म्स से कोरोनिल से जुड़े दावों और बयानों को हटाया जाए। उन्होंने यह भी अंतरिम राहत की मांग की थी, ताकि गलत जानकारी और दावे को रोकने के लिए त्वरित कदम उठाए जा सकें। हाईकोर्ट ने इस मामले पर 21 मई को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था, और आज कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जा रहा है। इस फैसले का असर ना केवल पतंजलि आयुर्वेद बल्कि भविष्य में दवा और चिकित्सा के दावों के प्रति नियामकीय दृष्टिकोण पर भी पड़ेगा।
Kashmir: सोपोर में रहस्यमयी विस्फोट में दो बच्चों की मौत, एक अन्य घायल
दिल्ली हाईकोर्ट आज, 29 जुलाई, को बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ दायर की गई याचिका पर निर्णय सुनाने जा रहा है। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि बाबा रामदेव ने कोरोनिल को कोविड-19 की इलाज की दवा बताकर भ्रामक दावे किए थे, जबकि उन्हें कोरोनिल के लिए केवल इम्यूनो-बूस्टर का लाइसेंस प्राप्त था।
डॉक्टरों की एसोसिएशनों ने याचिका में यह भी मांग की है कि पतंजलि आयुर्वेद और बाबा रामदेव को भविष्य में इस प्रकार के भ्रामक और गैर-कानूनी बयानों से रोका जाए। डॉक्टरों के वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि ऐसे निर्देश जारी किए जाएं जो सुनिश्चित करें कि भविष्य में इस तरह के दावे न किए जाएं।
UP कुर्सी के अटकलों पर लगा ताला! दिल्ली बैठक में CM Yogi को लेकर Modi ने दिया साफ संकेत
दूसरी ओर, रामदेव के वकील ने कहा है कि पतंजलि आयुर्वेद ने सुप्रीम कोर्ट में भ्रामक विज्ञापनों के संबंध में जो बयान दिए हैं, वे आज भी मान्य हैं और उन्हें हाईकोर्ट में भी दोहराया जा सकता है। हालांकि, डॉक्टरों के वकील ने आपत्ति जताई है कि सुप्रीम कोर्ट के मामले में पतंजलि ने यह वादा किया था कि वे बिना सोचे-समझे और कानून के विपरीत बयान नहीं देंगे। कोरोनिल के मामले को उस प्रकरण से अलग बताते हुए उन्होंने हाईकोर्ट से इस विशेष मामले में निर्णय देने की मांग की है।
Mumbai Customs: मुंबई एयरपोर्ट पर 13 करोड़ रुपये का सोना जब्त, 7 गिरफ्तार
हाईकोर्ट के आज के फैसले का प्रभाव ना केवल पतंजलि आयुर्वेद और बाबा रामदेव पर पड़ेगा, बल्कि यह दवा और चिकित्सा के दावों के नियामकीय परिप्रेक्ष्य पर भी महत्वपूर्ण होगा।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.