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India News (इंडिया न्यूज), Jammu Kashmir Anantnag Encounter Due to Betrayal: अनंतनाग आतंकी हमले में हमने अपने चार अफसरों को खो दिया। आतंकियों से लोहा लेते हुए कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धौंचक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट वीरगती को प्राप्त हुए। आज देश की आंखे नम तो है ही साथ में आतंकियों के खिलाफ आक्रोश भी है। जिसके लिए लगातार सेना की बड़ी टुकड़ी घने जंगलों में आतंकियों के खात्मे के लिए तैयार है। इन सबके बीच यह भी जानकारी सामने आ रही है कि यह कोई काउंटर फायरिंग नहीं थी बल्कि सोची समझी साजिश। जी हां किसी के गद्दारी की भेंट हमारे देश के जांबाज चढ़ गएं। आईए जानते हैं कैसे खेला गया साजिश से भरा खूनी खेल।
जम्मू कश्मीर के कोकेरनाग का जंगल आतंकियों का बसेरा बन गया है। इसके पीछे की वजह है इस जंगल का घना होना। यह इतना घना है कि दिन में भी रात लगता है। यह जंगल चारों ओर से ऊंची-ऊंची पहाड़ियां से घिरा है। ये पहाड़ भी घने पेड़ों की चादर से ढके हुए हैं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितना खतरनाक है और यहां अगर कोई खो जाए तो मिलना बहुत कठिन है। इसी जगह पर आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया गया था जिसमें हमने देश के सपूतों को खो दिया।
इस साजिश की शुरुआत होती है 12 सितंबर 2023 से। जब पूरा कश्मीर नींद के आगोश में था। इसी वक्त खुफिया एजेंसी के पास एक मुखबिर ने ऐसी खबर दी जो जवानों के लिए मौत का पैगाम था। यह मुखबिर गद्दार निकला। ये पुलिस से नहीं बल्कि आतंकियों से मिला हुआ था। मुखबिर की शक्ल में डबल एजेंट था। जाबांजों को अपने गंदे जाल में फंसाने के लिए मुखबिर ने जम्मू-कश्मीर पुलिस तक ये सूचना पहुंचाई। खबर ये थी कि कोकेरनाग के जंगल में एकदम सटीक लोकेशन पर आतंकवादी संगठन लश्कर के दो दहशतगर्द डेरा डाले हुए हैं।
सूचना मिलते ही 29 साल के जांबाज ऑफिसर और जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट एक्शन में आ गए। उन्होंने आतंकियों का सफाया करने का फैसला किया। एसओपी यानि नियमों के मुताबिक डीएसपी हुमायूं भट्ट ने 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग अफसर कर्नल मनप्रीत सिंह को तुरंत एक ज्वाइंट ऑपरेशन लॉन्च करने को कहा। आतंकवादी अपना ठिकाना न बदल लें इससे पहले डीएसपी उनका सफाया करना चाह रहे थें।
उस वक्त कर्नल मनप्रीत सिंह ने मेजर आशीष से बात की और फौरन जवानों की एक टुकड़ी के साथ ऑपरेशन पर साथ चलने के लिए कहा। मुखबिर के सूचना के अनुसार जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना दोनों की टुकड़ियां तय लोकेशन पर पहुंची। वो लोकेशन थी अनंतनाग जिले का कोकरनाग जंगल। बता दें कि ये ऑपरेशन घने जंगल के कारण और कठिन था। यहां मक्के के खेत हैं, सेब के बगीचे हैं, पहाड़ी पर घने जंगल हैं। इसके बाद भी इन्हीं जंगलों के बीच में ऑपरेशन को जवानों ने शुरू करने का फैसला किया।
अफसरों को अंदाजा नहीं था कि ये घना जंगल उनके लिए मौत का जाल है। अफसर लश्कर के आतंकवादी को ढूंढने लगे। फौरन ज्वाइंट सर्च ऑपरेशन लॉन्च शुरू किया गया। पुलिस और सेना की टुकड़ियों ने इस मोर्चे को संभालने के लिए तैयारी करने लगें। उस दौरान जैसे ही कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और डीएसपी भट्ट सर्च ऑपरेशन की योजना प्लान बना रहे थें। तभी अचानक गोलियां चलने लगीं। आतंकी जंगल में मौजूद हाइडआउट के बगल वाले पहाड़ के ऊपर घात लगाए हुए थे।
आतंकियों ने ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर दी। गोली लगते ही तीनों अफसर गिर गए। उनकी जाबांजी देखिए गोली लगने के बाद भी अफसर आतंकवादियों पर फायरिंग करते रहे। सुरक्षित जगह पर होने के कारण आतंकवादी पहाड़ी के ऊपर से भाग निकले। कर्नल और मेजर को इस मुठभेड़ में गोली लगी उसके बाद वो पहाड़ी की एक छोटी खाई में गिर गए। वहीं डीएसपी हाइड आउट के बगल में ही गिर गए।
इस मुठभेड़ के बाद आतंकवादियों को ढूंढने के साथ-साथ बॉडी के लिए भी सर्च ऑपरेशन चलता रहा। बता दें कि डीएसपी हुमायूं भट्ट के शव को ढूंढने में 6 घंटे का समय लगा था। हमले के बाद आर्मी और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों ने आतंकवादियों का पीछा भी किया। लेकिन आतंकी उजैर खान भागने में सफल रहा। बता दें दहशतगर्द आतंकी उजैर खान कोकरनाग इलाके का ही रहने वाला है। दहशतगर्द इन जंगलों के चप्पे-चप्पे से वाकिफ है इस कारण वो भागने में सफल रहा।
ए कैटेगरी का आतंकी उजैर खान लोकल लश्कर का आतंकवादी है। बता दें कि उस पर 10 लाख का इनाम भी है।
इन आतंकियों के खात्मे के लिए सेना की बड़ी टुकड़ी चौकन्नी है। उन आतंकियों के खात्मे के लिए सेना आसमान से लेकर जमीन तक कड़ी निगरानी रखे हुए। जल्द सफलता मिलेगी। देश मुखबिर गद्दार के कारण चार अफसरों की शहादत का दंश झेल रहा है। उस मुखबिर ने आतंकवादियों को आर्मी और पुलिस के आने के बारे में जानकारी दी थी। इसके साथ ही उसने आतंकियों को यह भी जानकारी दी थी कि टीम कैसे और कितनी संख्या में आ रही है। चाहे कुछ भी हो आतंकी आसमान में छुप कर बैठे हो या पाताल में सेना खोद कर निकाल ही लेगी।
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