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Bharatiya Nyaya Sanhita Bill: दंड संहिता अब बना न्याय संहिता, जानें आपराधिक न्याय प्रणाली में किस तरह के बड़े बदलाव करने जा रही सरकार

Mudit Goswami • LAST UPDATED : August 11, 2023, 5:19 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Bharatiya Nyaya Sanhita Bill: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को भारतीय अपराध संहिता के कुछ परिवर्तन करने वाले विधेयक लोकसभा में पेश किए। ये विधेयक भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता हैं। इस विधेयक को सदन में पेश करने के दौरान गृहमंत्री ने कहा कि”1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार कार्य करती रही। तीन कानून बदल जाएंगे और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा।”

विधेयक का उद्देश्य बताते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में कहा कि इस विधेयक के तहत सजा का अनुपात 90% से ऊपर ले जाना का लक्ष्य है। उन्होंने कहा, “हम एक महत्वपूर्ण प्रावधान लाए हैं कि जिन धाराओं में 7 साल या उससे अधिक जेल की सजा का प्रावधान है, उन सभी मामलों में फॉरेंसिक टीम का अपराध स्थल पर जाना अनिवार्य कर दिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत हम राजद्रोह जैसे कानूनों को निरस्त कर रहे हैं।

ये बड़ें बदलाव किए जाएगें

  • राजद्रोह जैसे कानूनों को निरस्त किया जाएगा।
  • नई सीआरपीसी में 356 धाराएं रहेंगी, वहीं इससे पहले उसमें कुल 511 धाराएं होआ करती थी।
  • अब किसी भी अपराधिक मामले में सबूत जूटाने के दौरान वीडियोग्राफी करनी अनिवार्य होगी।
  • वही अब 7 साल से अधिक सजा वाली धाराओं में फॉरेंसिक टीम का सबूत जुटाना अनिवार्य रहेगा। देश के किसी भी इलाके में हुए गुनाह की FIR अब किसी भी जगह दर्ज की जा सकेगी।
  • 3 साल तक की सजा वाली धाराओं का समरी ट्रायल होगा। घटना के बाद मामले की सुनवाई और फैसला जल्द आ जाएगा।
  • किसी भी मामले में 90 दिनों के अंदर चार्जेशीट दर्ज करनी होगी और 180 दिनों के अंदर हर हाल में जांच खत्म करने का नियम रहेगा।
  • चार्ज फ्रेम होने के एक महीने के अंदक जज को अपना निर्णय सुनाना होगा।
  • वहीं सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अगर कोई मामला दर्ज है तो 120 दोनों के भीतर अनुमति देनी अनिवार्य रहेंगी।
  • घोषित अपराधियों की संपत्ति की खत्म की जाएगी। इसके अलावा संगठित अपराध में कठोर से कठोर सजा सुनाई जाएगी।
  • वहीं पहचान छुपाकर यौन संबंध बनाने वालों को अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा। गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास की सजा होगी।
  • 18 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ यौन शोषण मामले में मौत की सजा का प्रावधान रखा जाएगा।

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