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India News (इंडिया न्यूज), Bihar: लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं। जिसमे बिहार में भाजपा को पिछले आम चुनाव के मुकाबले पांच सीटें कम मिली हैं। कुल मिलाकर इस बार भाजपा को सिर्फ 12 सीटों से संतोष करना पड़ा। बिहार के इस बदलते राजनीतिक समीकरण में अब भाजपा भी अपने समीकरण में कुछ बदलाव करती नजर आ रही है। कहा जा रहा है कि भाजपा केंद्रीय मंत्रिमंडल में बिहार से कुछ नए चेहरे ला सकती है और प्रदेश संगठन में भी बदलाव कर सकती है। नए नेताओं को दिया जाएगा मंत्री पद पिछली बार की बात करें तो भाजपा ने बिहार से चार सांसदों को केंद्रीय मंत्री पद दिया था।
2024 के चुनाव में पार्टी ने मौजूदा सांसद और मंत्री अश्विनी चौबे को टिकट देने से इनकार कर दिया, जबकि एक अन्य मंत्री आरके सिंह आरा सीट से चुनाव हार गए। बाकी दो मंत्री गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय अपनी-अपनी लोकसभा सीट से जीत गए हैं। कहा जा रहा है कि इस बार मंत्री पद नए नेताओं को दिया जाएगा। यहां जातिगत समीकरणों का ध्यान रखा जाएगा। इस बार पार्टी वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद, राजीव प्रसाद रूडी और युवा सांसद विवेक ठाकुर पर दांव लगा सकती है।
बता दें कि, मंत्री पद के साथ-साथ प्रदेश संगठन और सरकार में भी कई बदलाव हो सकते हैं। राज्य में पार्टी नेतृत्व को लेकर कई नेता अपनी नाराजगी पहले ही जाहिर कर चुके हैं। फिलहाल सम्राट चौधरी बिहार के उपमुख्यमंत्री के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। जेडीयू के कुशवाहा वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। हालांकि, उस मोर्चे पर ज्यादा सफलता नहीं मिली। इस बार उन्हें हटाकर पूर्णकालिक अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा।
इसके साथ ही बिहार में पार्टी के पारंपरिक वोटरों का एक वर्ग कुछ लोकसभा सीटों से दूर जा रहा है। पार्टी भी इस बात से भली-भांति वाकिफ है। इस बार अपनी रणनीति के तहत बीजेपी इस वर्ग को फिर से अपने खेमे में लाने की कोशिश कर सकती है। अगले साल विधानसभा चुनाव भी आने वाले हैं, इसे ध्यान में रखते हुए पार्टी मंत्रिमंडल का चयन इस तरह से कर सकती है जो भविष्य में उसके लिए राजनीतिक रूप से फायदे का सौदा लगे।
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