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India News (इंडिया न्यूज), Bihar MLC By-election: एनडीए की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने जेडीयू उम्मीदवार के नाम की घोषणा की तो सभी चौंक गए। राजनीतिक गलियारों में चल रही अटकलों से इतर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए यह आश्चर्य की बात रही कि नीतीश कुमार की पसंद ललन प्रसाद को उम्मीदवार घोषित किया गया। ललन प्रसाद धानुक जाति से आते हैं और यह जाति अत्यंत पिछड़ा समाज में आती है।
ललन प्रसाद के नाम की घोषणा करते हुए उमेश कुशवाहा ने बताया कि अत्यंत पिछड़ी जाति से आने वाले ललन प्रसाद समता पार्टी के समय से पार्टी में काम करने वाले जमीनी कार्यकर्ता हैं। वर्तमान में वे जिला परिषद सदस्य भी हैं। बेहद ईमानदार और मेहनती ललन प्रसाद हमेशा से पार्टी को मजबूत करने में अपना योगदान देते रहे हैं। उनकी उम्मीदवारी से जेडीयू के तमाम नेता और जमीनी कार्यकर्ता उत्साहित हैं। ललन प्रसाद के बारे में बताया जा रहा है कि शेखपुरा के रहने वाले ललन प्रसाद शुरू से ही नीतीश कुमार के साथ काम करते रहे हैं और उन्हें मुख्यमंत्री का बेहद करीबी माना जाता है. ललन प्रसाद धानुक जाति से आते हैं, जिनका मुंगेर, शेखपुरा, बरबीघा, बाढ़ समेत कई विधानसभा चुनावों में प्रभाव अहम माना जाता है।
आपको बता दें कि इस बार मुंगेर लोकसभा चुनाव के दौरान आरजेडी ने अशोक महतो को मैदान में उतारा था, जिससे धानुक जाति के वोट बैंक में बड़ी सेंधमारी हुई थी। इसके बाद से ही जेडीयू इस वोट बैंक को वापस लाने की कवायद में लगी हुई थी, जो जेडीयू का मजबूत वोट बैंक रहा है। जाहिर है ललन प्रसाद को मैदान में उतारकर धानुक जाति को बड़ा संदेश दिया गया है। यह भी कहा जा रहा है कि इस क्षेत्र से पहली बार किसी धानुक को एमएलसी में मौका मिला है, जिसका बड़ा असर हो सकता है। नीतीश कुमार के इस कदम को धानुक जाति के साथ-साथ अति पिछड़ा वोट बैंक के लिहाज से मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।
ललन प्रसाद भी सीएम नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में से एक हैं। वे धानुक जाति से आते हैं, जो बिहार में अति पिछड़ा वर्ग से है। वे जेडीयू की स्थापना के समय से ही इससे जुड़े रहे हैं। 52 वर्षीय ललन प्रसाद 2001 से 2005 तक शेखपुरा जिले के घाट कुसुंभा प्रखंड के जेडीयू अध्यक्ष रह चुके हैं। वे 2009 से 2013 तक शेखपुरा में जेडीयू के जिला उपाध्यक्ष भी रहे। शेखपुरा में जेडीयू को मजबूत करने के लिए वे जेडीयू की शुरुआत से ही सक्रिय रहे हैं।
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