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Biological Park Bengaluru: संक्रामक वायरस से सात तेंदुए शावकों की हुई मौत, पार्क कर्मचारियों ने दी थी वायरस की जानकारी

Shubham Pathak • LAST UPDATED : September 19, 2023, 11:45 pm IST
Biological Park Bengaluru: संक्रामक वायरस से सात तेंदुए शावकों की हुई मौत, पार्क कर्मचारियों ने दी थी वायरस की जानकारी

Biological Park Bengaluru

India News(इंडिया न्यूज)Biological Park Bengaluru: बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क से एक दिल-दहलाने वाली खबर सामने आ रही है। जहां अत्यधिक संक्रामक वायरस से संक्रमित होने के बाद सात तेंदुए के शावकों की मौत हो गई है। बता दें कि, वायरस फ़ेलिन पार्वोवायरस सबसे ज्यादा बिल्लियों में होने वाली की एक वायरल बीमारी है। जिससे सबसे ज्यादा बिल्लियों के बच्चें प्रभावित हो रहे है।

अधिकारियों ने दी जानकारी

फ़ेलिन पार्वोवायरस के फैलने से लगातार जानवर प्रवाभित हो रहे है जिसकी जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि, इस वायरस के फैलने पहला प्रकोप 22 अगस्त को बताया गया था। सात शावकों की उम्र तीन से आठ महीने के बीच थी। इन सभी को टीका लगाया गया था लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके साथ ही बन्नेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क के कार्यकारी निदेशक, एवी सूर्य सेन ने कहा कि सात शावकों को टीका लगाया गया था, फिर भी वे संक्रमित थे।

पार्क के निदेशक सूर्य सेन का बयान

जानकारी के लिए बता दें कि, सात तेंदुए की मौत के बाद बातें तेज होने लगी। जिसके बाद बन्नेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क के कार्यकारी निदेशक एवी सूर्य सेन ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, इस संक्रमण की सूचना 22 अगस्त को दी गई थी और 15 दिनों के भीतर, इन सात वायरस संक्रमित शावकों की मृत्यु हो गई। हमने तेंदुए के नौ शावकों को सफारी क्षेत्र में छोड़ा था, जिनमें से चार संक्रमित हो गए और मर गए। बचाव केंद्र में तीन अन्य शावक भी संक्रमित हो गए और इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उचित उपचार दिए जाने के बावजूद दो सप्ताह के भीतर सभी संक्रमित लोगों की मृत्यु हो गई।”

जानिए वायरस का विक्राल रुप

इसके साथ ही इस वायरस के विक्राल रूप के बारे में बतातें हुए एक अधिकारी ने कहा कि, एक बार फेलिन पैनेलुकोपेनिया वायरस से संक्रमित होने पर जानवर की आंत पूरी तरह से प्रभावित हो जाती है। उनमें गंभीर दस्त, उल्टी और निर्जलीकरण हो जाता है जिससे अंततः मृत्यु हो जाती है। यह तेजी से फैलता है और संक्रमित जानवर चार से पांच दिनों के भीतर मर जाता है।

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