इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Birth Anniversary Of RSS Founder Keshav Baliram Hedgewar राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार की आज बर्षगांठ है। महाराष्ट्र, कर्नाटक व आंधप्रदेश में आज के दिन गुडी पड़वा पर्व को नए साल के रूप में मनाया जाता है और आज ही के दिन महाराष्ट्र के नागपुर में 1889 में बलिराम हेडगेवार का जन्म हुआ था। वह महाराष्ट्र के देशस्थ ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे। मूल रूप से आंध्र प्रदेश व महाराष्ट्र के बॉर्डर पर स्थित बोधन तालुक से इनका परिवार संबंध रखता था।
हेडगेवार (Hedgewar) को प्रारंभिक शिक्षा उनके बड़े भाई ने प्रदान की थी। मैट्रिक पास करने के बाद हेडगेवार ने चिकित्सा क्षेत्र में पढ़ाई करने के लिए कोलकाता जाने का फैसला किया। जाने-माने स्वतंत्रता सेनानी व मोतियाबिंद पर पहला शोध करने वाले डॉक्टर बीएस मुंजू ने हेडगेवार को मेडिकल स्टडी के लिए साल 1910 में कोलकाता भेजा था। हेडगेवार ने वहां रहकर अनुशीलन समिति व युगांतर जैसे विद्रोही संगठनों से अंग्रेजों की सरकार से निपटने के लिए विभिन्न विधाएं सीखीं।
केशब चक्रवर्ती के छद्म नाम का सहारा लेकर हेडगेवार (Hedgewar) ने काकोरी कांड में भी अपनी भागीदारी निभाई थी। इसके बाद वह भूमिगत हो गए। इस संगठन में रहकर हेडगेवार ये समझ गए थे कि आजादी के लिए अंग्रेजी हुकूमत से लड़ रहे भारतीय विद्रोही कितने ही सुदृढ क्यों न हों, पर भारत जैसे देश में एक सशस्त्र विद्रोह को भड़काना नामुमकिन है, इसीलिए नागपुर लौटने के बाद उनका सशस्त्र आंदोलनों से मोह भंग हो गया और उन्होंने यहां आकर समाज सेवा और तिलक के साथ कांग्रेस से मिलकर पार्टी के लिए काम करने शुरू कर दिया था। कांग्रेस में रहते हुए वह डॉ. मुंजू के और करीब आ गए थे जो जल्द हेडगेवार को हिंदू दर्शनशास्त्र में मार्गदर्शन देने लगे थे।
वर्ष 1920 में केशव बलिराम हेडगेवार को स्वयंसेवी दल आरएसएस का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नागपुर सत्र के दौरान यह निर्णय लिया गया। भारत स्वयंसेवक मंडल नाम के इस दल के मुखिया डॉ. लक्ष्मण वी. परांजपे थे। सभी को सेना की तरह पोशाक पहनने का निर्देश दिया गया था। इस प्रसंग को आरएसएस की उत्पत्ति की ओर पहला कदम माना जा सकता है क्योंकि डॉ. परांजपे ने भविष्य में ऐसे एक दल की शुरुआत करने का अपना प्लान पहले ही बता दिया था।
हिंदू महासभा नागपुर क्षेत्र के अति वरिष्ठ नेता होने के कारण डॉक्टर मूंजे और डॉक्टर परांजपे ने हेडगेवार (Hedgewar) को आरएसएस (RSS) दल की स्थापना करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई। मूंजे और परांजपे ने हेडगेवार को धन जुटाने से लेकर हर प्रकार का समर्थन दिया। 21 जून, 1940 को टाइफॉयड के कारण केशव बलिराम हेडगेवार का निधन हो गया। उनके गृहनगर नागपुर में ही उन्हें अंतिम विदाई दी गई थी।
Birth Anniversary Of RSS Founder Keshav Baliram Hedgewar
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