होम / BJP On Nazul Land Bill: क्या है नजूल संपत्ति विधेयक? क्यों हो गए CM Yogi के अपने ही खिलाफ

BJP On Nazul Land Bill: क्या है नजूल संपत्ति विधेयक? क्यों हो गए CM Yogi के अपने ही खिलाफ

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : August 2, 2024, 6:11 pm IST

BJP On Nazul Land Bill

India News (इंडिया न्यूज़), BJP On Nazul Land Bill: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस काफी उठाप़टक देखने को मिल रही है। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा नजूल भूमि को लेकर लाया जा रहा नजूल संपत्ति संशोधन विधेयक पारित नहीं हो सका है। विधान परिषद में विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष ने भी विधेयक के खिलाफ आवाज उठाई है। भाजपा MLC और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग की। इसके बाद विधान परिषद में विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के लिए वोटिंग कराई गई। इसको लेकर सदस्यों ने ध्वनि मत से इस प्रस्ताव को पारित कर दिया। यूपी विधानसभा में सहयोगी दलों के विरोध के बावजूद योगी सरकार नजूल विधेयक को पारित कराने में सफल रही। हालांकि विधान परिषद में इस विधेयक पर रोक लगने के बाद अब यह चर्चा में आ गई है। ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर इस विधेयक में क्या था? जिसपर इतना बवाल हो रहा है, तो चलिए आज हम आपको बताएंगे इस विधेयक के बारे में विस्तार से।

क्या है इस नजूल विधेयक में?

बता दें कि, इस नजूल विधेयक के जरिए यूपी की योगी सरकार इस प्रकार की भूमि पर सरकारी कब्जा करना चाहती है। नजूल विधेयक के मुताबिक, सरकार नजूल भूमि को सार्वजनिक उपयोग में लाना चाहती है। इसलिए वह लीज नवीनीकरण के पक्ष में नहीं है। हालांकि यूपी विधानसभा में चर्चा के दौरान सरकार ने स्पष्ट किया था कि वह लीज नवीनीकरण के संबंध में नियम बनाते समय इसे स्पष्ट करेगी। विधेयक में यह भी कहा गया है कि सरकार नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड नहीं करेगी। सरकार ने यह भी आश्वासन दिया था कि जिन लोगों ने फ्रीहोल्ड का पैसा जमा कर दिया है, उन्हें बैंक दर पर ब्याज सहित राशि वापस की जाएगी। अगर वे शर्तें पूरी करते हैं, तो लीज नवीनीकरण किया जाएगा।

क्या होता है नजूल भूमि?

दरअसल नजूल भूमि का मुद्दा ब्रिटिश हुकूमत के समय से ही है। ब्रिटिश हुकूमत ने जब देश में अपने पैर पसार लिए तक ब्रिटिश सरकार ने भारत की स्थानीय रियासतों को अपने पक्ष में करने के लिए तमाम प्रयास किए। कई रियासतें ब्रिटिश सरकार की जागीर बन गईं। वहीं, कुछ मजबूत रियासतों ने ब्रिटिश सरकार की गुलामी स्वीकार करने से इनकार कर दिया। ब्रिटिश सरकार उनके खिलाफ युद्ध के मैदान में उतर गई। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें हराकर उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया। उन जमीनों पर रहने वाले लोगों को इसके लिए टैक्स देना पड़ता था। अंग्रेजों ने कई जगहों पर कब्जा करके अपनी कॉलोनियां बसा लीं।

IND vs SL: श्रीलंका के खिलाफ पहले मैच में टीम इंडिया पट्टी बांधकर क्यों उतरी मैदान पर, वजह जान हो जाएंगे हैरान

इसके बाद देश की आजादी होने साथ ही ब्रिटिश सरकार ने उन जमीनों को खाली करा लिया, जिन पर उन्होंने कब्जा कर रखा था। जिन जमींदारों या जागीरदारों को ब्रिटिश सरकार ने इन जमीनों की देखभाल और कर वसूलने का अधिकार दिया था, उनके पास भी जमीन के दस्तावेज नहीं थे। दस्तावेजों के अभाव वाली इन जमीनों को नजूल भूमि कहा जाता था। देश के लगभग सभी इलाकों में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह हुए। युद्ध हुए और अंग्रेजों ने जमीनों पर कब्जा कर लिया। यही वजह है कि नजूल की जमीन पूरे देश में देखने को मिलती है।

नजूल भूमि पर किसका अधिकार?

बता दें कि, नजूल की जमीन के मामले में राज्य सरकार का अधिकार होता है। इसे राज्य की संपत्ति माना जाता है। हालांकि, सरकार इन जमीनों का प्रशासन नहीं करती है। इन जमीनों को एक निश्चित अवधि के लिए पट्टे पर दिया जाता है। पट्टे की अवधि 15 से 99 साल तक होती है। लोग राजस्व विभाग में आवेदन देकर पट्टे की अवधि को बढ़ा सकते हैं। सरकार नजूल की जमीन को वापस लेने या अपडेट करने या इसे रद्द करने का अधिकार सुरक्षित रखती है। लखनऊ में नजूल भूमि का एक बड़ा हिस्सा आमतौर पर लीज पर दी जाने वाली हाउसिंग सोसायटियों के लिए इस्तेमाल होता है।अब योगी सरकार ऐसी जमीनों पर कब्ज़ा करने की रणनीति बनाती दिख रही है।

Olympics 2024 में एंजेला कैरिनी के खिलाफ इमान खलीफ की जीत पर Kangana Ranaut ने दिया विवादित बयान, जानें मामला

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

घटती जन्म दर को लेकर तरह-तरह के उपाय कर रहा रुस, आबादी बढ़ाने के ल‍िए निकाला अब ये अनोखा उपाय
रूस के पड़ोसी देश से आया हैरान करने वाला बयान, Russia-Ukraine यूद्ध को लेकर कह दी ये बात
पुणे में चिकनगुनिया के नए वैरिएंट ने मचाया कहर, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज, पड़ सकता है भारी
वेदांता ग्रुप की रिफाइनरी का बांध टूटा, फसलें हुईं तबाह, कंपनी ने कही ये बड़ी बात
डॉक्टरों से मुलाकात के बाद ममता ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर और 2 स्वास्थ्य अधिकारियों को हटाया
न्यूयॉर्क में BAPS स्वामिनरायण मंदिर की बर्बरता अस्वीकार्य है; जानिए भारतीय दूतावास ने क्या कहा
Vishwakarma Puja 2024: कल विश्वकर्मा पूजा पर इन मंत्रों के साथ के करें देवताओं के शिल्पकार की पूजा, ये रहे शुभ मुहूर्त
ADVERTISEMENT