India News (इंडिया न्यूज), Maharashtra Crime News: बंबई हाईकोर्ट ने मंगलवार (1 अक्टूबर 2024) को 2017 में सुनाए गए मौत के फैसले को बरकरार रखने के आदेश दिए हैं। हम आपको बता दें कि कोल्हापुर की कोर्ट ने मां की हत्या के दोषी को मौत की सजा सुनाई थी। आरोपी ने हत्या के बाद मां के टुकड़े कर दिए थे और शव को खा गया था। आरोपी ने शरीर के टुकड़े करके कढ़ाई में पकाए थे। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने ये फैसला सुनाया। इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दोषी सुनील कुचकोरवी को मौत की सजा सुनाई जाती है। दोषी के सुधरने की कोई संभावना नहीं है।

यह नरभक्षण का दुर्लभतम श्रेणी का केस है: बंबई हाईकोर्ट

कोर्ट ने आगे कहा कि, यह नरभक्षण का दुर्लभतम श्रेणी का केस है। बंबई हाई कोर्ट ने कहा कि दोषी ने सिर्फ मां की हत्या ही नहीं की। बल्कि शरीर के अंग भी निकाल लिए। दोषी अंगों को पका रहा था। मां की पसलियां पका ली थीं, जबकि ह्रदय पकाने वाला था। साफ शब्दों में कहा जाए तो बेटा नरभक्षी बन गया था। अगर उसे उम्रकैद की सजा दी गई तो वह जेल में भी इस तरह का अपराध कर सकता है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुचकोरवी को कोर्ट के फैसले की जानकारी दी गई।

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अभियोजन पक्ष के मुताबिक दोषी ने 28 अगस्त 2017 को कोल्हापुर शहर में घर में इस वारदात को अंजाम दिया था। सुनील ने मां यल्लामा रमा कुचकोरवी (63 वर्षीय) को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। फिर इसके बाद आरोपी ने शरीर के टुकड़े किए और कढ़ाई में पकाकर खा गया। बताया जा रहा है कि, दोषी अपनी मां से शराब के लिए पैसे मांग रहा था। मना करने पर वह गुस्से में आ गया।

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कोल्हापुर की अदालत ने 2021 में सुनाई थी मौत की सजा

इससे पहले 2021 में कोल्हापुर की अदालत ने सुनील कुचकोरवी को मौत की सजा सुनाई थी। हम आपको बता दें कि, दोषी इस समय पुणे की यरवदा जेल में बंद है। इस मामले में कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जघन्य हत्या ने सामाजिक चेतना को झकझोर कर रख दिया है। दोषी ने कोल्हापुर कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

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