India News (इंडिया न्यूज), Bribery Case: तमिलनाडु में खलबली मची हुई है। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate- ED) के एक अधिकारी को रंगे हाथ घूस लेते हुए तमिलनाडु के सतर्कता विभाग (Vigilance Department) ने पकड़ा है। आरोपी अधिकारी पर एक डॉक्टर से 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने का आरोप है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डिंडीगुल में हिरासत में लिए जाने के बाद, सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (Directorate of Vigilance and Anti-Corruption – DVAC) के अधिकारियों की एक टीम ने मदुरै में उप-क्षेत्र ईडी कार्यालय में ‘पूछताछ’ की, जिसमें राज्य पुलिसकर्मी केंद्र सरकार के कार्यालय के बाहर पहरा दे रहे थे।
खबर के अनुसार आरोपियों से जुड़े परिसर में ‘तलाशी’ ली गई। जांच के लिए जब केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में डीवीएसी अधिकारियों पहुंचें उसके बाद अधिकारियों द्वारा ‘सुरक्षा’ के लिए ईडी कार्यालय के अंदर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों को तैनात किया गया था।
सूत्रों बताते हैं कि, ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को डॉक्टर से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के बाद डीवीएसी अधिकारियों ने ‘रंगे हाथों पकड़ लिया’। ईडी अधिकारी की ओर से किस संबंध में कथित तौर पर रिश्वत ली गई है, इसका पता अभी नहीं चल पाया है। नाम बताने के शर्त पर एक सूत्र ने बताया कि डॉक्टर द्वारा डीवीएसी में शिकायत दर्ज कराने के बाद यह कार्रवाई की गई और डीवीएसी के अधिकारी फिलहाल तिवारी से पूछताछ कर रहे हैं।’
गौरतलब हो कि तमिलनाडु सरकार और केंद्रीय जांच एजेंसी के बीच पांच जिला कलेक्टरों को समन जारी करने को लेकर जोरदार घमासान जारी है। ये समन अवैध रेत खनन से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के संबंध में जारी हुआ है।
इसे लेकर शुक्रवार को ही सत्तारूढ़ द्रमुक के मुखपत्र मुरासोली की ओर से केंद्र सरकार पर छवि खराब करने का आरोप लगाया गया है। इस काम में बीजेपी की ओर से एजेंसी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। मुखपत्र ने ईडी के भ्रष्टाचार के दावे पर सवाल उठाया, कथित “मनमाने” आंकड़ों के आधार को चुनौती दी और सबूत की मांग की गई है।
इस मामले में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को प्रशासन हाईकोर्ट ने राहत दी है। मद्रास हाई कोर्ट ने इस सप्ताह समन पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी है। लेकिन कोर्ट ने जांच पर रोक नहीं लगाई है। अरियालुर, वेल्लोर, तंजावुर, करूर और तिरुचिरापल्ली जिलों से तलब किए गए कलेक्टरों और राज्य सरकार को ईडी को जवाब देने के लिए तीन सप्ताह की मोहलत दी गई है।
ईडी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के एक विशेषज्ञ के सर्वेक्षण का हवाला देते हुए दावा किया कि, दो वर्षों में पूरे तमिलनाडु में 4,500 करोड़ रुपये का अवैध रेत खनन हुआ है।
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