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नई दिल्ली: (What is Budget, Types of Budget) भारत सरकार की ओर से हर साल एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया जाता है। हर साल की तरह इस साल भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) एक फरवरी को संसद में आम बजट(general budget)2023-24 पेश करेंगी। बात अगर संसद के बजट सत्र की करें तो यह आज से शुरू हो रहा है। बजट सत्र के पहले दिन केंद्र द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। बजट सत्र कुल दो चरणों में होगा। जिसका पहला चरण 31 जनवरी से 13 फरवरी तक का होगा जबकि इसका दूसरा चरण 13 मार्च से 6 अप्रैल तक का होगा। इस 66 दिन के लंबे बजट सत्र में कुल 27 बैठकें होंगी। दो फरवरी से प्रश्न काल का सिलसिला भी शुरू होगा।
अनुमान के आधार पर बजट को तीन कैटेगरी में बांटा जाता है- संतुलित बजट, अधिशेष बजट और घाटे का बजट। बजट से संबंधित कुछ जरूरी बाते हैं जो आपके लिए जाना बेहद जरूरी है। जैसे- बजट से संब बजट किसी भी शासन के अनुमानित आय-व्यय का लेखा-जोखा होता है। सरकारी बजट, एक वार्षिक वित्तीय दस्तावेज होता है। जिसमें प्रत्येक मंत्रालय को आगामी(आने वाला वर्ष) वर्ष के लिए अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक निश्चित राशि दी जाती है।
संतुलित बजट के मामले में अनुमानित व्यय किसी विशेष वित्तीय वर्ष में राजस्व के बराबर होना चाहिए। एक संतुलित बजट आर्थिक मंदी या अपस्फीति (मुद्रास्फीति की उलट स्थिति है) के समय वित्तीय स्थिरता की गारंटी नहीं देता है क्योंकि इसकी कोई जगह नहीं होती है।
जब वर्ष के लिए प्रत्याशित राजस्व प्रत्याशित व्यय से अधिक हो जाता है उस बजट को अधिशेष बजट कहा जाता है। अधिशेष बजट सरकार की वित्तीय स्थिरता को प्रदर्शित करता है। सरकार अत्यधिक मुद्रास्फीति के समय में एक अधिशेष बजट योजना अपना सकती है जो कुल मांग को कम करती है।
घाटे के बजट में सरकार आमदनी से ज्यादा खर्च का प्रावधान करती है। इसे घाटे की वित्त व्यवस्था भी कहा जाता है। जब सरकार के पास लोक कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त पैसा नहीं होता है तब सरकार इस तरह का बजट पेश करती है।
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