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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Cabinet Decision On MSP): केंद्र सरकार ने वर्ष 2022-23 सीजन के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी है। किसानों को राहत देने की दिशा में सरकार का यह बड़ा कदम है। केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में एमएसपी को मंजूरी देने का निर्णय लिया गया। फैसले के अनुसार उड़द दाल की एमएसपी 300 रुपए और तिल की एमएसपी 523 रुपए बढ़ाई गई है। कोरोना महामारी के दौरान लगातार यह तीसरा साल है जब सरकार ने खरीफ की फसलों की फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने विभिन्न खरीफ फसलों के लिए वर्ष 2022-23 के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी को अपनी स्वीकृति दे दी है। इसके बाद अब खरीफ फसलों का एमएसपी अब बढ़ेगा। इस मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार 2022 का दक्षिण-पश्चिम मानसून भी दीर्घकालिक औसत के 99 प्रतिशत पर सामान्य रहेगा। इससे पैदावार अच्छी होगी।
अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट ने 2022-23 फसल वर्ष के लिए धान का एमएसपी 100 रुपए बढ़ाया है। इसके बाद यह 2,040 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। गत तीन साल में सामान्य से अच्छे मानसून ने खरीफ खाद्यान्न की पैदावार में औसतन 2.8 फीसदी की वृद्धि की है। इसके परिणामस्वरूप खरीफ की पैदावार में 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी सकती है, जबकि रबी उत्पादन में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने इसी सप्ताह कहा है कि देश के पास यूरिया का पर्याप्त स्टॉक है और दिसंबर तक इसका आयात करने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि खरीफ के साथ ही रबी सत्र की उर्वरक की जरूरत भी मौजूदा यूरिया के स्टॉक से पूरी हो जाएगी। मांडविया ने कहा कि इंटरनेशनल मार्केट में उर्वरकों के दाम में गिरावट आई है और उम्मीद है कि आने वाले छह महीने में इसकी कीमतें और कम हो जाएंगी।
उर्वरक मंत्रालय के एक सीनियर अफसर के मुताबिक राज्य सरकारों के पास फिलहाल 70 लाख टन यूरिया है। उन्होंने बताया कि दिसंबर तक 175 लाख टन यूरिया का उत्पादन होगा। 16 लाख टन यूरिया का आयात हो चुका है। अधिकारी ने कहा कि सिंदरी व बरौनी में दो नए प्लांट से छह लाख टन यूरिया उपलब्ध होगा। यह अक्टूबर में चालू हो जाएगा। अन्य 20 लाख टन पारंपरिक यूरिया की खपत तरल नैनो यूरिया से बदली जाएगी।
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