संबंधित खबरें
‘केंद्रीय अर्धसैनिक बल, CISF और पुलिस के जवान पैसे लेते हैं तो…’ रिश्वत लेने वालों पर CM Mamata ने ये क्या कह दिया?
चलती बस से कूदी लड़की, बस में फैली यौन शोषण की…महिला के मेडिकल से हुआ बड़ा खुलासा
UP के इन 5 जगहों में नहीं लगेगा कोई फोन कॉल, CM Yogi के इस फैसले से ‘खास समुदाय’ की हो गई खटिया खड़ी
यूपी में भेड़िया के बाद बाघ का आतंक! हमले में किसान को उतारा मौत के घाट
पहले फाड़े कपड़े, तोड़ दिए दांत और आंखे, फिर मार-मार कर किया अधमरा, महिला के साथ बदमाशों ने की सारे हदें पार
CM Yogi का बड़ा तोहफा, Vikrant Massey की The Sabarmati Report को किया टैक्स फ्री
इंडिया न्यूज, अगरतला
त्रिपुरा भाजपा के भीतर जारी आंतरिक कलह के बीच मंगलवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब की कैबिनेट में तीन नए मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। बीजेपी-आईपीएफटी गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के साढ़े तीन साल बाद कैबिनेट में फेरबदल हो रहा है। यह निर्णय भाजपा के राष्ट्रीय सचिव दिलीप सैकिया, भाजपा के उत्तर पूर्व क्षेत्रीय सचिव (संगठन) अजय जामवाल, पार्टी की त्रिपुरा इकाई के प्रभारी विनोद सोनकर और महासचिव (संगठन) फणींद्रनाथ सरमा के साथ बैठक के बाद आया है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा के तीन विधायकों सुशांत चौधरी, भगवान दास और रामप्रसाद पॉल को मंत्री पद के लिए नामित किया गया है। तीनों को मंगलवार दोपहर राजभवन में शपथ दिलाई जाएगी। यहां उनके विभागों का भी बंटवारा कर दिया जाएगा। 2018 में सत्ता में आने के बाद, बिप्लब देब ने अपने 12 सदस्यीय मंत्रिमंडल में आईपीएफटी से दो सहित आठ मंत्रियों को शामिल किया था। उन्होंने गृह, सूचना और सांस्कृतिक मामलों, पीडब्ल्यूडी, सामान्य प्रशासन, उद्योग और वाणिज्य विभागों को अपने पास रखा था। उनके डिप्टी जिष्णु देववर्मा को सांख्यिकी सहित वित्त, बिजली, ग्रामीण विकास, पंचायत, योजना और समन्वय का प्रभार मिला था। वहीं, रतन लाल नाथ को कानून, शिक्षा (स्कूल और उच्चतर), ओबीसी और अल्पसंख्यक मामलों के विभाग दिए गए थे। मनोज कांति देब को खाद्य और नागरिक आपूर्ति और खेल और युवा मामलों का आवंटन किया गया था, प्रणजीत सिंह रॉय कृषि और पर्यटन की देखभाल कर रहे हैं। जबकि शांतना चकमा को सामाजिक कल्याण और सामाजिक शिक्षा और पशु संसाधन विकास का काम सौंपा गया था। ये सभी बीजेपी के हैं। आईपीएफटी के दो मंत्रियों में से एनसी देबबर्मा को राजस्व और मत्स्य पालन दिया गया, जबकि एमके जमातिया को वन और आदिवासी मामलों के विभाग दिए गए। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुदीप रॉय बर्मन, जिन्हें स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी और पेयजल और स्वच्छता का प्रभार दिया गया था, को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण 2019 में कैबिनेट से हटा दिया गया था। बाद में देब ने कार्यभार संभाला लिया था। पिछले हफ्ते, रॉय बर्मन ने अपनी पार्टी के कुछ विधायकों के साथ बैठक की और राज्य सरकार और पार्टी के कामकाज के खिलाफ केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत करने का फैसला किया। इस कदम के बाद पार्टी के चार वरिष्ठ नेता सोमवार को अगरतला पहुंचे।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.