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India News (इंडिया न्यूज), Husband Wife Divorce Case : बेंगलुरु सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या मामले ने देश भर से सुर्खियां बटोरी हैं। अतुल सुभाष ने अपनी आत्महत्या करने के पीछे की वजह पत्नी और ससुराल वालों के उत्पीरण को बताया था। अब कोलकाता से पति-पत्नी के तालाक का एक मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक यहां पर भी पति अपनी पत्नी और ससुराल वालों से परेशान था। असल में कोलकाता का शख्स पत्नी की एक जिद से बुरी तरह तंग आ गया। पत्नी चाहती थी कि उसके मम्मी-पापा और कुछ और रिश्तेदार अब उसके घर पर रहें। पति इसके लिए तैयार नहीं था। उसने पति को साफ-साफ कह दिया कि सुनो जी! अब से मम्मी पापा- यहीं रहेंगे, हमारे साथ। शुरुआत में पति जैसे-तैसे चीजों को बर्दाश्त करता रहा लेकिन धीरे-धीरे दोनों के बीच झगड़े बढ़ने लगे।
एक दिन शख्स का दिमाग खराब हो गया और उसने पत्नी से तलाक के लिए ट्रायल कोर्ट पहुंच गया। लेकिन वहां पर उसे निराशा हाथ लगी। लेकिन शख्स ने हार नहीं मानी बाद में उसने कोलकाता हाईकोर्ट में मामला दायर किया, जहां उसे आखिर में हाईकोर्ट ने तलाक दे दिया।
हाईकोर्ट ने इस मामले को पति के साथ क्रूरता करार दिया है। हाईकोर्ट ने माना कि पत्नी के दोस्त और परिवार का पति की इच्छा के विरुद्ध लगातार उनके घर पर रहना क्रूरता के बराबर माना जा सकता है। पति-पत्नी की शादी साल 2006 में हुई थी। फिर तीन साल बाद 2008 में तलाक की अर्जी पति की तरफ से लगाई गई थी। जानकारी के मुताबिक पत्नी कुछ वक्त बाद पति का घर छोड़कर अन्य स्थान पर अकेले शिफ्ट हो गई। कोर्ट में जिरह के दौरान पत्नी ने स्वीकार किया कि वह पति के साथ असहाय स्थिति के कारण अलग रहने लगी।
पति द्वारा 2008 में तलाक के लिए किए गए आवेदन के एक महीने बाद पत्नी द्वारा उनके और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज कराई गई। हालांकि इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने पति को बरी कर दिया था।
पत्नी की तरफ से पति पर असभ्य और लालची होने का आरोप लगाया। पत्नी की तरफ से दावा किया गया कि पति उसे मजबूर करता था कि वो अपनी सैलरी उसे दे दे। पति की नजर उसकी मां की पेंशन पर भी थी। हालांकि हाईकोर्ट ने इस तर्क को यह कहतहे हुए नकार दिया। कोर्ट ने माना कि सबूत ऐसे आरोपों को झूठा साबित करते हैं। पत्नी की मां पति के कोलाघाट निवास पर नहीं रहती, अगर उसने मां की पेंशन या पत्नी की सैलरी पर नजर डाली होती।
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