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India News (इंडिया न्यूज),Cash For Query Issue: पीएम मोदी को बदनाम करने के मामले में उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी ने बड़ा खुलासा किया है। जहां हीरानंदानी ने गुरुवार को ये बात स्वीकार किया कि, उन्होंने उद्योगपति गौतम अडानी के बारे में मोदी सरकार से सवाल पूछने के लिए तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा का इस्तेमाल किया। दर्शन हीरानंदानी ने माना कि, टीएमसी सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम और शर्मिंदा करने के लिए गौतम अडानी पर निशाना साधा।
वहीं आगे हीरानंदानी ने कह कि, पीएम की बेदाग प्रतिष्ठा ने विपक्ष को उन पर हमला करने का कोई मौका नहीं दिया। यही कारण है कि ऐसा किया गया। इसके साथ ही कारोबारी ने बताया है कि, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने जरूरत पड़ने पर उनकी ओर से सीधे सवाल पोस्ट करने के लिए अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड दिया था। इस खुलासे के बाद सांसद महुआ मोइत्रा ने इसे खारिज करते हुए कहा कि, सरकार के दबाव में दर्शन हीरानंदानी ने यह बयान दिया है। सरकार ने उनके कारोबार को बंद करने की धमकी दी है।
इसके साथ ही आपको बता दें कि, उद्दोगपति हीरानंदानी ने एक हस्ताक्षरित हलफनामे में स्वीकार किया कि, अडानी को निशाना बनाने के लिए मोइत्रा का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछने के लिए सांसद के संसदीय लॉगिन का उपयोग किया। जिसके बाद दर्शन हीरानंदानी ने दावा किया कि, महुआ ने सवाल पूछने के बदले काफी डिमांड रखीं थीं। इनमें महंगे लग्जरी आइटम, दिल्ली में उनके आवंटित बंगले के रेनोवेशन में सहायता, सफर और छुट्टियों का खर्च शामिल था। इसके अलावा भारत के भीतर और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में यात्राओं के लिए लॉजिस्टिकल मदद भी ली गई थी।
वहीं आपको ये भी बतातें चले कि, इसी सप्ताह की शुरुआत में गोड्डा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से महुआ मोइत्रा की शिकायत की थी। दुबे ने आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने के लिए लिखा था। जय अनंत देहाद्राई नाम के वकील के पत्र का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया था कि संसद में प्रश्न पूछने के लिए महुआ मोइत्रा और बिजनेस टाइकून दर्शन हीरानंदानी के बीच रिश्वत लेन-देन के अकाट्य सबूत हैं।
बता दें कि, भाजपा सांसद ने दावा किया था कि देहाद्राई ने रिसर्च के आधार पर निष्कर्ष निकाला है कि मोइत्रा की ओर से हाल ही में पूछे गए 61 सवालों में से 51 हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा के लिए थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि व्यापारिक समूह के साथ अपनी साठगांठ की आड़ में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को निशाना बनाया। देहाद्राई ने प्रासंगिक कागजात संलग्न करके अपने आरोपों का समर्थन किया था जो लोकसभा सचिवालय के साथ साझा किए गए थे। मोइत्रा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। टीएमसी सांसद ने दावा किया था कि उन्हें अडानी समूह और दुबे की शैक्षिक योग्यता के बारे में सवाल उठाने के लिए टार्गेट किया जा रहा है।
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