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India News (इंडिया न्यूज़),Caste-based survey in Bihar: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कि हम पटना उच्च न्यायालय द्वारा याचिकाओं (बिहार सरकार के जाति आधारित सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली) को खारिज करने का स्वागत करते हैं। बीजेपी की साजिश नाकाम हो गई है… हम चाहते हैं कि ऐसा हो, हम हार या जीत की बात नहीं कर रहे हैं। हम कह रहे हैं कि हम जनकल्याण की योजनाएं बनाने के लिए सर्वे कराना चाहते हैं। बता दें मंगलवार को हाई कोर्ट ने जाति आधारित गणना और आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इसी के साथ बिहार में जाति आधारित सर्वे को हरी झंडी मिल गई है।
#WATCH …हम पटना उच्च न्यायालय द्वारा याचिकाओं (बिहार सरकार के जाति आधारित सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली) को खारिज करने का स्वागत करते हैं। बीजेपी की साजिश नाकाम हो गई है… हम चाहते हैं कि ऐसा हो, हम हार या जीत की बात नहीं कर रहे हैं। हम कह रहे हैं कि हम जनकल्याण की योजनाएं… pic.twitter.com/s7x5taZMJr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 1, 2023
बता दें नीतीश सरकार के जातिगत जनगणना कराने के फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में 6 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इन याचिकाओं में जातिगत जनगणना पर रोक लगाने की मांग की गई थी। जातीय गणना को लेकर पटना हाई कोर्ट में राज्य सरकार की तरफ से कहा गया था कि सरकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए सभी अपनी जाति बताने को आतुर रहते हैं।
गौरतलब है नीतीश सरकार ने 18 फरवरी 2019 और फिर 27 फरवरी 2020 को जातीय जनगणना का प्रस्ताव बिहार विधानसभा और विधान परिषद में पास कराया था। बता दें इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के विरोध का साम ना करना पड़ा।ऐसे में इसे लेकर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया था। केंद्र का कहना था कि ओबीसी जातियों की गिनती करना लंबा और कठिन काम है। बिहार सरकार ने पिछले साल जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया था। इसका काम जनवरी 2023 से शुरू हुआ था। इसे मई तक पूरा किया जाना था।
ये भी पढ़ें – Caste-based survey in Bihar: बिहार में एक बार फिर से शुरू होगा जाति-आधारित सर्वेक्षण
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