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फर्जी नौकरी केस में CBI सख्त, बर्खास्त सिपाही समेत 10 लोगों पर केस दर्ज

BY: Rajesh kumar • LAST UPDATED : July 2, 2024, 8:08 am IST
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फर्जी नौकरी केस में CBI सख्त, बर्खास्त सिपाही समेत 10 लोगों पर केस दर्ज

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India News (इंडिया न्यूज़),Fake Job Case: सीबीआई ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के मामले में एक बर्खास्त सिपाही समेत 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी सेना, भारतीय खाद्य निगम और रेलवे में नौकरी दिलाने का वादा कर ठगी करते थे। आपको बता दें कि यह मामला रक्षा मंत्रालय की शिकायत पर दर्ज किया गया है। सीबीआई ने एक बर्खास्त सिपाही (जो हाउसकीपर के तौर पर काम कर रहा था), एक फील्डमैन, 9 निजी व्यक्तियों और अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

सीबीआई की एफआईआर में बताया गया है कि रैकेट कैसे संचालित होता था। आरोपियों ने सेना, मिलिट्री इंजीनियरिंग, रेलवे और भारतीय खाद्य निगम में नौकरी चाहने वाले कई उम्मीदवारों को लालच दिया। इन उम्मीदवारों को नौकरी का भरोसा दिया गया। इसके बाद आरोपियों ने बर्खास्त सिपाही से संपर्क किया। उसके खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए। लेकिन पैसे देने वाले उम्मीदवारों को वह नौकरी नहीं दिला सका। आरोपियों ने उम्मीदवारों से करीब 5.5 लाख रुपये की रिश्वत ली।

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1.43 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए

सीबीआई की एफआईआर में आगे कहा गया है कि 2019 में बर्खास्त कांस्टेबल ने नसीराबाद में 298 फील्डवर्क शॉप में तैनात कारीगरों के समकक्ष सीएफएन से संपर्क किया। उन्होंने उसे आश्वासन दिया कि 8 लाख रुपये के बदले टीए में नौकरी की व्यवस्था की जा सकती है। जांच में पता चला कि उम्मीदवारों ने बर्खास्त कांस्टेबल और उसकी पत्नी के बैंक खातों में करीब 1.43 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। संदिग्ध ने एक फर्जी प्रशिक्षण संस्थान भी स्थापित किया था और आरोपियों में से एक ने खुद को रेलवे अप्रेंटिस के रूप में पेश किया था, जिसे भारतीय रेलवे के लिए उम्मीदवारों की भर्ती का काम सौंपा गया था।

आरोपी प्रयागराज से भाग गया

अगस्त 2020 में बर्खास्त कांस्टेबल ने कुछ उम्मीदवारों से कहा कि उन्हें भारतीय खाद्य निगम में नौकरी मिल गई है और उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय में आकर मिलने के लिए कहा। वहां पहुंचने पर आरोपी ने उनसे दस्तावेज के लिए अपने शिक्षा प्रमाण पत्र सहित सभी कागजात देने को कहा। उनके प्रमाण पत्र लेने के बाद उसने उन्हें घर जाने को कहा। इसके बाद आरोपी प्रयागराज से भाग गया।

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सीबीआई की एफआईआर में आगे कहा गया है कि भारतीय सेना में नौकरी दिलाने के वादे से लालच में आए आरोपियों को एक रिश्तेदार से मिलवाया गया, जिसका नाम राहुल द्रविड़ डीआरएम ईस्टर्न रेलवे कोलकाता बताया गया। उम्मीदवारों को आश्वासन दिया गया कि कोलकाता में भारतीय रेलवे में पांच नौकरियां हैं।

विभिन्न राज्यों के उम्मीदवार

सीबीआई की एफआईआर में दर्ज किया गया है कि कॉल के बाद राहुल द्रविड़ उम्मीदवारों से मिले और उन्हें कोलकाता ले गए। 5 उम्मीदवार जम्मू से और 8 से 10 उम्मीदवार राजस्थान से थे। उन्हें एक होटल में ठहराया गया। बाद में आरोपी उन्हें कोलकाता रेलवे अस्पताल सियालदह ले गए, जहां उनके रक्त और मूत्र के नमूने लिए गए, बाद में कथित तौर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी किए गए।

आरोपियों ने उम्मीदवारों को फर्जी आईडी जारी की। जांच में पता चला कि मेडिकल प्रमाण पत्र फर्जी और जाली थे। अपने फर्जी नौकरी रैकेट को वैधता देने के लिए आरोपियों ने एक फर्जी वेबसाइट www.rrcb.com ईस्टर्न रेलवे भी बनाई और फर्जी नौकरी प्रमाण पत्र जारी किए।

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