नई योजनाओं का उद्देश्य
वित्त मंत्रालय ने बताया कि ये नए विकल्प कर्मचारियों को अपने सेवानिवृत्ति कोष के प्रबंधन में अधिक लचीलापन प्रदान करेंगे. अब कर्मचारी अपनी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और जोखिम सहनशीलता के अनुसार निवेश का चयन कर सकते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पेंशन योजना कर्मचारियों की लंबी अवधि की वित्तीय सुरक्षा को और बेहतर बनाए.
उपलब्ध निवेश विकल्प
एनपीएस और यूपीएस के तहत अब कर्मचारियों के पास विभिन्न विकल्प उपलब्ध होंगे. पहले से ही एक डिफ़ॉल्ट विकल्प है, जिसमें पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा निर्धारित निवेश पैटर्न के अनुसार निवेश किया जाता है. इसके अलावा, स्कीम-जी विकल्प है, जिसमें कर्मचारी अपने धन का 100 प्रतिशत सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं, जो कम जोखिम और निश्चित रिटर्न प्रदान करता है.
लाइफ साइकल विकल्प
‘लाइफ साइकल’ (LC) विकल्प में कर्मचारियों के लिए इक्विटी निवेश की सीमा निर्धारित की गई है. उदाहरण के लिए, LC-25 विकल्प में अधिकतम 25 प्रतिशत इक्विटी का निवेश किया जाता है, जो 35 वर्ष की उम्र से 55 वर्ष की उम्र तक धीरे-धीरे कम होता जाता है. वहीं LC-50 विकल्प में अधिकतम 50 प्रतिशत इक्विटी निवेश की अनुमति है.
बैलेंस्ड लाइफ साइकल विकल्प
बैलेंस्ड लाइफ साइकल (BLC) विकल्प LC-50 का एक संशोधित संस्करण है. इसमें 45 वर्ष की उम्र तक इक्विटी निवेश धीरे-धीरे घटता है, जिससे कर्मचारी लंबे समय तक इक्विटी में निवेश कर सकें. इसके अलावा, LC-75 विकल्प में अधिकतम 75 प्रतिशत इक्विटी का निवेश किया जा सकता है, जो 35 वर्ष से 55 वर्ष की उम्र तक धीरे-धीरे कम होता है.