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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Central Vista Project सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से जुड़ी एक याचिका को मंगलवार खारिज कर दिया। याचिका में प्रोजेक्ट के तहत बन रहे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के सरकारी आवास को वहां से हटाकर दूसरी जगह बनाने की मांग की गई थी। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं दायर की गई हैं।
इन याचिकाओं में प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण मंजूरी दिए जाने और इसके लिए भूमि उपयोग में बदलाव समेत अनेक बिंदुओं पर सवाल उठाए गए हैं। शीर्ष अदालत राजीव सूरी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिका में कहा गया था कि प्लाट नंबर एक का इस्तेमाल रिक्रिएशनल सुविधाओं के लिए होना था, लेकिन इसका इस्तेमाल आवासीय के लिए किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि वहां कोई प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं बनाई जा रही है, बल्कि उपराष्ट्रपति का आवास बनाया जा रहा है। लिहाजा चारों और हरियाली होना तय है। योजना को अधिकारियों द्वारा पहले ही मंजूरी दे दी गई है।
दरअसल, याचिका में दावा किया गया था कि सेंट्रल विस्टा के जरिए इस क्षेत्र में आम लोगों की आवाजाही कम हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि क्या अब आम आदमी से पूछकर उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास बनाना चाहिए।
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह नीतिगत मामला है। हर चीज की आलोचना की जा सकती है, लेकिन रचनात्मक आलोचना होनी चाहिए। उपराष्ट्रपति का आवास कहीं और कैसे हो सकता है? उस जमीन का इस्तेमाल हमेशा से सरकारी कामों के लिए होता रहा है। आप कैसे कह सकते हैं कि एक बार मनोरंजन क्षेत्र के लिए सूचीबद्ध होने के बाद इसे कभी नहीं बदला जा सकता है? भले ही कभी इसे मनोरंजन क्षेत्र के रूप में नामित किया गया हो।
कोरोना वायरस की भयावह दूसरी लहर के दौरान देश में सेंट्रल विस्टा परियोजना को लेकर विवाद शुरू हो गया था। मांग की जा रही है कि कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच इस इस परियोजना के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी जाए। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट से भी अनुरोध किया गया।
हालांकि, अदालत ने यह तो माना कि स्थिति असल में गंभीर है लेकिन याचिकाकर्ताओं से कहा कि अगर वह इस जनहित याचिका पर जल्द सुनवाई चाहते हैं तो उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने इसे लेकर सवाल उठाया तो केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी पलटवार किया है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि यह परियोजना क्या है और आखिर इस पर सियासी संग्राम क्यों मचा हुआ है।
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