India News (इंडिया न्यूज), CG Assembly Election 2023 : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के दूसरे चरण के लिए आज यानि शुक्रवार (17 नवंबर) को मतदान होगी। 20 सीटों पर हुए पहले चरण के मतदान में 74 फीसदी लोगों ने अपना मत दिया था। बाकी बचे 70 सीटों पर चुनाव होने को तैयार हैं। जान लें कि उनमें से कई ऐसी सीटें हैं जो बहुत हाई प्रोफाइल हैं। उन्हीं में से एक है पाटन विधानसभा सीट है। यहां से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपना दमखम आजमा रहे हैं। मैदान में उनका मुकाबला हो रहा है भतीजे और सांसद विजय बघेल सहीत अमित जोगी से। इसके अलावा अंबिकापुर और सक्ती विधानसभा सीटें भी बहुत खास मानी जाती हैं जहां कांटे की टक्कर हो रही है। चलिए लिए चलते हैं आपको प्रदेश की 10 हाई प्रोफाइल सीटों पर। साथ में यह समझेंगे कि कहां से कौन बाजी मारने वाला है।
(CM बघेल को कड़ी चुनौती)
सबसे पहले बात करेंगे पाटन विधानसभा सीट की। जो कि बेहद प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है। इसके पीछे की वजह है यहां से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चुनावी मैदान में खड़े हो रहे हैं। बघेल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर उन्हें त्रिकोणीय चुनौती का सामना करना होगा। उनके सामने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से मुख्यमंत्री के भतीजे और सांसद विजय बघेल रेस में खड़े हैं। जान लें कि विजय बघेल दुर्ग लोकसभा सीट से सांसद की हैं। इतना ही नहीं विजय के अलावा इसी सीट से पूर्व सीएम अजीत जोगी के बेटे अमित भी अपनी चुनावी दंगल में खड़े हैं। साल 2018 के चुनाव में पाटन सीट से भूपेश बघेल को 27,477 के बड़े अंतर से जीत मिली थी।
अंबिकापुर सीट प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में शामिल है। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश की सियासत में नंबर टू की हैसियत रखने वाले टीएस सिंह देव एक बार फिर अंबिकापुर विधानसभा सीट से हाथ आजमाने को तैयार हैं। जो कि लगातार इस सीट से 3 बार चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं। यह सीट सरगुजा जिले में आता है। यहीं से पिछले चुनाव में मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव को जीत मिली थी। कांग्रेस की तरफ से एक बार फिर से टीएस सिंह देव को मैदान में उतारा गया है। जबकि बीजेपी की ओर से राजेश अग्रवाल मैदान में खड़े किए गए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव (2018) में इस सीट पर 22 उम्मीदवारों ने अपनी चुनौती पेश की थी। जिसमें टीएस सिंह देव और बीजेपी के अनुराग सिंह देव के बीच मुकाबला देखने को मिला था। इस चुनाव में टीएस सिंह देव के खाते में 100,439 वोट तो वहीं अनुराग सिंह को 60,815 वोट मिले थें।
इस बार भी सबकी नजर भरतपुर-सोनहत सीट पर टिकी हुई है। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के तहत यह सीट आती है। यहां से बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने रेणुका सिंह के जवाब में वर्तमान विधायक गुलाब सिंह कामरो को रेस में खड़ा किया है। यहां पर गाोंडवाणा गणतंत्र पार्टी का दबदबा माना जाता है।
अब बात कर लेते हैं जशपुर जिले के तहत आने वाले पत्थलगांव विधानसभा सीट के बारे में। जो कि प्रदेश के हाई प्रोफाइल सीटों में आती है। यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। पत्थलगांव सीट पर बीजेपी ने लोकसभा सांसद गोमती साय को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने रामपुकार सिंह रेस में उतारा है।
ननकीराम Vs फूलचंद रठिया
रामपुर विधानसभा सीट जो कि कोरबा जिले में पड़ता है। यहां पर अभी बीजेपी का दबदबा है। 2018 के चुनाव में यह त्रिकोणीय मुकाबला रहा है। ये सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया गया है। यहां से भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर को , कांग्रेस ने फूलचंद रठिया को मैदान में उतारा है।
लोरमी विधानसभा सीट पर भी तगड़ा मुकाबला हो रहा है। यह सीटड मुंगेली जिले में आता है। यहां से बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष और बिलासपुर से लोकसभा सांसद अरुण साव को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने थानेश्वर साहू को जो कि राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं उन्हें टिकट दिया है।
इस बार छत्तीसगढ़ चुनाव में सबसे चर्चित सीट होने वाली है सक्ती की। क्योंकि इस बार कांग्रेस के वरिष्ठ दिग्गज नेता चरणदास यहीं से चुनाव लड़ने वाले है। जिसको लेकर भाजपा भी अपनी रणनीति बनाने में जुटी हुई है। बता दें कि, दिग्गज नेता चरणदास महंत 2018 में भी इसी विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। बता दें कि चरण दास महंत छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सीनियर लीडर है। वो कोरबा संसदीय सीट से सांसद भी रह चुके हैं। चरणदास महंत केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं। 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया था।
जानकारी के लिए बता दें कि, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाली सक्ती (GEN) विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चंपा जिले की एक सीट है। ये जांजगीर-चंपा लोकसभा सीट का हिस्सा है, जो केंद्रीय इलाके में पड़ता है। इस विधानसभा सीट में वोटरों की कुल संख्या 178494 है। इसके साथ ही आपको बता दें कि, छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले की सक्ती विधानसभा सीट पर बीजेपी की कब्जा है। यह सीट न तो बीजेपी का और न ही कांग्रेस का गढ़ रही है। दोनों पार्टियां यहां से चुनावी जंग जीत चुकी हैं।
दुर्ग ग्रामीण से कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले इस सीट से ताम्रध्वज साहू ने शानदार जीत दर्ज की थी। बता दें कि ताम्रध्वज साहू छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री के साथ-साथ जेल, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन और धर्मस्व और संस्कृति विभाग के मंत्री भी है।
2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान साहू ने दुर्ग ग्रामीण सीट पर 76208 वोटों से जीत दर्ज की थी। उन्होंने यहां से बीजेपी के जागेश्वर साहू को 27112 वोटों से हराया था। दूसरी तरफ बीजेपी ने इस बार जागेश्वर साहू को टिकट न देकर ललित चंद्राकर को प्रत्याशी बनाया है। अब ये देखना होगा कि 3 दिसंबर को दुर्ग ग्रामीण से कौन जीत दर्ज करता है।
मालूम हो कि दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ की खास विधानसभा सीटों में से एक है। साल 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। जिसमें ताम्रध्वज साहू ने 76208 वोटों से जीत हासिल की थी।
यह सीट राजधानी रायपुर में आती है। जो कि बीजेपी के बृज मोहन अग्रवाल की वजह से यह सीट खासे चर्चा में बनी रहती है। बता दें कि बृज मोहन साल 2008 से यहां से लगातार 4 बार जीत का झंडा फहरा चुके हैं।
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