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Central Government Health Scheme update: देश के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक और खुशखबरी आई है. महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी के बाद अब केंद्र सरकार ने Central Government Health Scheme (CGHS) के तहत बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने करीब 2,000 से अधिक मेडिकल प्रक्रियाओं की दरों में सुधार की घोषणा की है। ये नई दरें 13 अक्टूबर 2025 से लागू होंगी. यह फैसला न सिर्फ कर्मचारियों के लिए राहत भरा है, बल्कि अस्पतालों के लिए भी बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि पिछले कई सालों से पुरानी दरें दोनों पक्षों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई थीं.
CGHS में इतना बड़ा सुधार क्यों ज़रूरी था
पिछले 15 वर्षों से CGHS दरों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ था. अस्पतालों का कहना था कि सरकार की पुरानी package rates बहुत कम हैं और वास्तविक खर्च को कवर नहीं करतीं. इसके कारण कई अस्पताल CGHS के तहत cashless services देने से कतराते थे. अगस्त 2025 में, GENC (Government Employees National Confederation) ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया और सरकार को एक ज्ञापन सौंपा. उन्होंने बताया कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को आपातकालीन परिस्थितियों में भी कैशलेस इलाज नहीं मिल पा रहा था, जिससे उन्हें निजी तौर पर पैसे खर्च करने पड़ते थे और बाद में महीनों तक reimbursement के लिए इंतजार करना पड़ता था.
अब क्या बदलाव हुए हैं? – New CGHS Package Rates
सरकार द्वारा किए गए इस बदलाव के तहत अब CGHS (Central Government Health Scheme) के पैकेज रेट्स शहरों की श्रेणी और अस्पतालों की गुणवत्ता के आधार पर तय किए गए हैं। टियर-I यानी मेट्रो शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में अस्पतालों को आधार दर पर भुगतान किया जाएगा। टियर-II शहरों में यह दर आधार दर से 19% कम होगी, जबकि टियर-III शहरों में 20% कम भुगतान किया जाएगा। NABH मान्यता प्राप्त अस्पताल आधार दर पर सेवाएं देंगे, जबकि गैर-NABH अस्पतालों को 15% कम दर पर भुगतान किया जाएगा। वहीं, 200 से अधिक बेड वाले सुपर-स्पेशलिटी अस्पतालों को 15% अधिक दरें मिलेंगी। इस सुधार से राजधानी के बड़े अस्पतालों से लेकर छोटे शहरों के हेल्थकेयर सेंटर तक, सभी को नई दरों के अनुसार भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को क्या फायदा होगा?
नई दरों के बाद केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए healthcare access आसान और भरोसेमंद बन जाएगा.
- कैशलेस ट्रीटमेंट में आसानी – अब अस्पताल नई दरों को व्यवहारिक मानते हुए CGHS कार्डधारकों को सहजता से कैशलेस सेवा देंगे.
- Pocket खर्च में कमी – कर्मचारियों को पहले बड़ी रकम खुद से चुकाने की ज़रूरत नहीं होगी.
- Reimbursement की झंझट कम – महीनों तक बिल पास होने का इंतजार अब घटेगा.
- Quality healthcare तक पहुंच – अब CGHS पैनल में शामिल अस्पतालों में बेझिझक इलाज कराया जा सकेगा.
अस्पतालों ने किया सुधार का स्वागत
स्वास्थ्य सेवा से जुड़े संगठनों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. NATHEALTH की अध्यक्ष अमीरा शाह ने कहा कि यह सुधार सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे अस्पतालों और कर्मचारियों दोनों की समस्याएं कम होंगी. वहीं, Association of Healthcare Providers of India (AHPI) ने इसे लंबे समय से प्रतीक्षित सुधार बताया. उनका मानना है कि अब अस्पतालों की financial stability बेहतर होगी और मरीजों को समय पर इलाज मिलेगा.
पहले भी हुए थे कुछ छोटे सुधार
अप्रैल 2023 में ICU, कमरे के किराए और consultation fees में आंशिक संशोधन किया गया था और 2024 में न्यूरो-इम्प्लांट और कुछ सर्जिकल प्रक्रियाओं की दरें बदली गई थीं. लेकिन यह पहली बार है जब इतना व्यापक और सुनियोजित सुधार एक साथ लागू किया जा रहा है.