India News (इंडिया न्यूज़), Chandrayaan-3: इसरो चंद्रयान-3 की 23 अगस्त को साफ्ट लैंडिंग की प्लानिंग में लगा है। इस मिशन को परिणाम तक पहुंचाने के लिए इसरों ने 4 सालों तक जीतोड़ मेहनत की है। इस मिशन की सफलता के बाद भारत चंद्रमा की सतह पर ये काम करने वाला चौथा देश बन जाएगा। वहीं ये मिशन कितना मुश्किल है इसका अदंजा आप शानिवार को रुस के फैल हुए लूना-25 से लगा सकताे है। लूना-25 चंद्रमा के साउथ पोल में लैंडिग करना से पहले ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
चंद्रयान- 3 की लैंडिंग पर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च मयंक एन. वाहिया ने कहा कि चंद्रयान 3 चांद की सतह पर उतरने वाला है। पहले चंद्रयान मिशन ने साबित किया कि चांद पर पानी है। चंद्रयान-2 मिशन में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर लगाना था लेकिन चीजें ठीक से काम नहीं कर पाईं। लेकिन चंद्रयान-2 का मॉड्यूलर मिशन उल्लेखनीय रूप से सफल रहा…चंद्रमा पर उतरना कितना मुश्किल है, इसका अंदाज़ा लगाने के लिए आप देख सकते हैं कि रूस लूना-25 को उतारने में सफल नहीं हो सका।
उन्होंने कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि 23 अगस्त को सफल लैंडिंग होगी। चंद्रयान-3 हमें पानी, जल स्रोतों और खनिजों की पहचान करने में मदद करेगा।
14 अगस्त Chandrayaan-3 हुआ था लॉन्च
बताते चले कि चंद्रयान-3 को इसरो ने 14 जूलाई को श्री हरिकोटा से लॉन्च किया था। पृथ्वी से 38,400 किलोमीटर दूरी पर स्थित चंद्रमा तक पहुंचने में चंद्रयान-3 को 45 से 50 दिनों की यात्रा करनी पड़ रही है। इसरो की माने तो 23 अगस्त को विक्रम लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर अपनी सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामियाब रहेगा।
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