संबंधित खबरें
महाकुंभ भगदड़ का खौफ, 25% श्रद्धालुओं ने कैंसिल की जाने की प्लानिंग, इन लोगों को चुकानी पड़ेगी कीमत
बजट पर कांग्रेस की मुहावरेबाजी, Rahul Gandhi ने कहा- 'गोली के जख्म पर Band-Aid', तो खरगे ने भी छेड़ा राग…
बजट छोड़िए सदन में लग गई Akhilesh Yadav को गंदी डांट, ओम बिरला ने सिखाई 'मर्यादा', सामने आया शॉकिंग वीडियो
कल्याण बनर्जी और जगदंबिका पाल के बीच तीखी तकरार,वक्फ की JPC बैठक में क्यों मचा बवाल?
दिल्ली चुनाव से पहले हो गया बड़ा खेला, AAP को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए 8 विधायक, कैसे मुंह दिखाएंगे केजरीवाल?
Mahakumbh Stampede Video: दिल दहला देगा महाकुंभ में हुई भगदड़ का नया वीडियो, देखें कैसे गई 30 जाने?
India News,(इंडिया न्यूज),Chandrayaan-3: देश अभी चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के सफलता को लेकर जश्न की तैयारी में लगा हुआ है। जिसके बाद चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (LM) आज बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला है। अगर सफल पूर्वक ऐसा होता है तो भारतीय चंद्रयान-3 एक अलग इतिहास की बना देगा। चंद्रयान-3 के जरिए भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। जिसके लिए सिर्फ भारतवर्ष ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक पल का टकटकी लगाए इंतजार कर रही है। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है।
ऐसे कठिन समय में जहां पूरी दुनिया भारत की ओर नजर लगा के बैठी है कि, भारत चंद्रमा पर पहुंच कर एक अनोखा इतिहास बनाने के कगार पर है। वहीं दुसरा सवाल ये उठता है कि, क्या चंद्रयान-3 को लैंडिग के लिए दूसरा मौका भी मिलेगा? जिसके बार में बतातें हुए इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई ने बताया कि, अगर 23 अगस्त को लैंडर मॉड्यूल सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाया या फिर उसके तकनीकी मानक असामान्य पाए गए तो भी उसके पा दूसरा मौका होगा। ऐसी स्थिति में लैंडिंग 27 अगस्त तक के लिए टाली जा सकती है।
सबसे रोचक बात, जहां चार साल में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की दूसरी कोशिश के बाद अगर सॉफ्ट लैंडिंग सफल होता है तो अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं। हालांकि, यह ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर नहीं हुई है।
चंद्रयान-3(Chandrayaan-3) के इस कामियाबी पर रेडवायर स्पेस के प्रमुख विकास अधिकारी माइक गोल्ड ने कहा कि, हम चंद्रमा की खोज के एक नए युग ‘आर्टेमिस’ में प्रवेश कर रहे हैं। यहां हम सिर्फ एक या फिर दो बार नहीं, बल्कि चांद पर स्थायी उपस्थिति स्थापित करने जा रहे हैं। भारत का चांद मिशन हमारी समझ, संशाधनों का उपयोग करने की हमारी क्षमता के अलावा चांद पर हम कहा बस्तियां स्थापित कर सकते हैं यह जानने में मदद करेगा। भारत का यह मिशन चांद का अमूल्य डेटा एकत्र करने में हमारी मदद करेगा। उनका कहना है कि क्या पता मिशन सफल हो या क्या पता वह चांद पर न उतरे, लेकिन मेरे विचार में यह मिशन अपने आप में एक बहुत बड़ी सफलता है।
जानकारी के लिए बता दें कि, भारत ने 14 जुलाई को लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम3) रॉकेट के जरिए 600 करोड़ रुपये की लागत वाले अपने तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण किया था। इसके तहत चंद्रयान 41 दिन की अपनी यात्रा में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। यहां अभी तक कोई भी देश नहीं पहुंच पाए हैं।
ये भी पढ़े
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.