संबंधित खबरें
'सांसद होकर दंगे के लिए….' संभल हिंसा पर भड़के नरसिंहानंद सरस्वती, सांसद जियाउर्रहमान को दी गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी!
गूगल मैप्स के सहारे कार में सफर कर रहे थे 3 लोग, अधूरे फ्लाईओवर में जा घुसी गाड़ी, फिर जो हुआ…सुनकर मुंह को आ जाएगा कलेजा
‘ये मुगलों का दौर नहीं…’, संभल जामा मस्जिद सर्वे पर ये क्या बोल गए BJP प्रवक्ता? सुनकर तिलमिला उठे मुस्लिम
शरद पवार, प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत का क्या होगा राजनीतिक भविष्य? दोबारा राज्यसभा जाने के रास्ते हुए बंद
60 फीसदी से अधिक मुस्लिम आबादी फिर भी कैसे जीत गई BJP? सपा उम्मीदवार की जमानत हो गई जब्त, अखिलेश नोंचने लगे अपना माथा
बाला साहेब की विरासत को मिट्टी में मिला गए उद्धव ठाकरे, कांग्रेस-एनसीपी से गठबंधन पर अपनी हिंदूवादी विचारधारा को लगाया दांव पर, क्या अब कर पाएंगे वापसी?
India News (इंडिया न्यूज़), Chandrayaan-3, नई दिल्ली: चंद्रयान-3 चौथी बार बीते दिन बुधवार को अपनी कक्षा बदल चुका है। चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान-3 पांचवें और अंतिम चरण में सफलतापूर्वक प्रवेश कर चुका है। अब यह चंद्रमा की सतह के और भी करीब पहुंच चुका है। इसके साथ ही चंद्रमा से जुड़े अपने सभी युद्धाभ्यास अंतरिक्षयान ने पूरे कर लिए हैं।
ISRO ने एक ट्वीट कर कहा, “आज की सफल फायरिंग (जो थोड़े समय के लिए आवश्यक थी) ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा की 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में स्थापित कर दिया। इसके साथ चांद की ओर बढ़ने के सभी प्रवेश चरण पूरे हुए। अब प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल (जिसमें लैंडर और रोवर शामिल हैं) के अलग होने की तैयारी है। गुरुवार को लैंडर और प्रोपल्शन मॉड्यूल अलग होंगे।”
बता दें कि ISRO सूत्रों के अनुसार, अलग होने के बाद डीबूस्ट यानि कि धीमा करने की प्रक्रिया होगी। जिसे उसे दूसरे ऑरबिट में स्थापित किया जा सके। जहां से पेरिल्यून चंद्रमा से निकटतम बिंदु करीब 30 किमी और अपोल्यून यानि की चंद्रमा से सबसे दूर का बिंदु 100 किमी दूर है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर 23 अगस्त को सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश होगी।
ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 को लेकर कहाकि वह इस बार चंद्रयान-2 वाली गलती नहीं दोहराएंगे। उन्होंने कहा, “इस बार हम चंद्रयान-2 वाली गलती नहीं दोहराएंगे। लैंडिंग प्रक्रिया की शुरुआत में वेग लगभग 1.68 किमी प्रति सेकंड है, लेकिन यह गति चंद्रमा की सतह के क्षैतिज है। यहां चंद्रयान-3 लगभग 90 डिग्री झुका हुआ है। इसे लंबवत होना है तो क्षैतिज से ऊर्ध्वाधर में बदलने की यह पूरी प्रक्रिया गणितीय रूप से एक बहुत ही दिलचस्प गणना है। हमने बहुत सारे सिमुलेशन किए हैं। पिछली बार हमें यहीं पर समस्या हुई थी।”
सोमनाथ ने आगे कहा, “इसके अलावा, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ईंधन की खपत कम हो, दूरी की गणना सही हो और सभी एल्गोरिदम ठीक से काम कर रहे हों।”
चंद्रयान-2 की गलती से लिया है सबक : सोमनाथ
Also Read:
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.