India News (इंडिया न्यूज़), Chandrayaan-3: भारत का ऐतिहासिक मिशन चंद्रयान-3 अपने लक्ष्यों के प्राप्त करता हुआ इस वक्त चंद्रमा की जमीन पर सोया हुआ है। 4 सितंबर को लगभग 10 दिन चंद्रमा की सतह पर कई रिसर्च और एक्सपेरिमेंट के बाद इंडियन स्पेस एंड रिसर्च ऑग्रेनाइजेशन (ISRO) ने इसे स्लीप मोड पर भेज दिया था। दरअसल, इसरो ने कदम चंद्रमा पर होने वाली रात को देखते हुए लिए था जिसमे चंद्रमा का पारा -200 डिग्री तक नीचे गिर जाता है। वहीं चंद्रमा का रात खत्म होने के बाद इसरो लगातार विक्रम लैडर और प्रज्ञान रोवर को एक्टिव करने में लगा है, लेकिन दूसरी तरफ से कोई संकेत नहीं आ रहे।

इसरो चीफ ने दिए संकेत

ऐसे में अब इसरो चीफ एस सोमनाथ ने मिशन ने एक महीने बाद एक बार फिर मिशन के एक्टिव होने के संकेत दिए है। इसरो चीफ ने कोच्चि में एक कार्यक्रम को दौरान प्रज्ञान रोवर के एक्टिव  होने के सवाल पर कहा कि इसकी पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि ये और बात है कि रोवर चांद की सतह पर फिलहाल स्लिप मोड में है, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वह फिर से एक्टिव नहीं हो सकता।

4 सितंबर को इसरो ने स्लीप मोड गया था विक्रम लैडर

बता दें कि चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर को 4 सितंबर को इसरो ने स्लीप मोड पर जाने निर्देश दिए थे। विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा की सतह पर कामयाब 9 दिन गुजारे। इस दौरान लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा पर ऑक्सीजन समेत कई प्रकार के तत्वों की खोज की। इसके साथ ही चंद्रमा की सतह पर होने तापमान के साथ भूकंप जैसी कई तरह की क्रियाओं का अध्यन किया।

गौरतलब है कि 23 अगस्त को इसरो ने इतिहास रचते हुए चंद्रमा के साउथ पोल पर विक्रम लैडर की सॉफ्ट लैंडिग कराई थी। जिसके बाद भारत चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिग करने वाला 4 देश बना। वहीं साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत पहला देश है।

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