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India News (इंडिया न्यूज़), Chandrayaan-3 Landing: अब से कुछ ही देर में चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल की चंद्रमा की तरह पर सॉफ्ट की प्रक्रिया शुरु होने वाली है। इसरो के अनुसार आज शाम 6 बजकर 04 मिनट पर लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा की सतह पर लैंंडिंग करेगा। इस वक्त इसरो की पूरी टीम लैंडर मॉड्यूल के निर्धारित बिंदू पर पहुंचने का इंतजार कर रही है। ये बिंदू चंद्रमा में लैंडिंग के 15 मिनट पहले प्राप्त होगा। टचडाउन से पहले ये अंतिम 15 मिनट चंद्रयान-3 की सफलता के लिए सबसे ज्यादा अहम होने वाले हैं।
#Chandrayaan3 का लैंडर आज शाम 18:04 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला है।
मिशन संचालन टीम अपने कमांड सेंटर में चंद्रमा पर उतरने के लिए कमांड देने के लिए भारतीय समयानुसार लगभग 17:44 बजे निर्धारित बिंदु पर लैंडर मॉड्यूल (एलएम) के आने का इंतजार कर रही है।
(फोटो सोर्स: ISRO) pic.twitter.com/8NdkZVdDLC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 23, 2023
इससे पहले साल 2019 में लॉन्च हुआ चंद्रयान-2 मिशन 7 सितबंर 2019 को इस महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास के दौरान लैंडर विक्रम के साथ दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसरो के वैज्ञानिकों के अनुसार, चंद्रयान-2 मिशन उस वक्त विफल हो गया जब लैंडर क्षैतिज से ऊर्ध्वाधर स्थिति में उचित रूप से स्विच नहीं कर सका और उसका इसरो के साथ कम्युनिकेशन टूट गया। बता दें कि वैज्ञानिक अब इस 15 मिनट को आतंक का समय कहते हैं।
गौरतलब है कि इस बार चंद्रयान-3 के लिए कई चीजें काफी अलग रहने वाली है। इस बार चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल की सुरक्षित लैंडिंग करने के लिए इसरो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI की मद्द लेने वाला है। वहीं इसरो के चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि इस बार चंद्रयान-3 हर स्थिति सेे लड़ने के लिए तैयार रहेगा। उनके अनुसार, अगर लैंडर मॉड्यूल के दौ इंजन बंद भी हो जाते हैं तो भी लैंडर अपनी लैंडिंग को अन्जाम देने में सक्षम रहेगा।
बताते चले कि चंद्रायन-2 का विफलता के बाद इसरो ने लगभग चार साल के बाद मिशन चंद्रयान-3 14 जूलाई को श्री हरिकोटा से ल़़ॉन्च किया। मिशन चंद्रयान-3 पृथ्वी से चद्रमा तक 38400 किलोमीटर की दूरी 40 दिनों में तय करता हुआ चंद्रमा की सतह के पास पहुंच गया है। विज्ञान के लिए ये मिशन अहम रहने वाला है। लैंडर मॉड्यूल के अंदर उपस्थित राोवर सिस्टम चंद्रमा की तरह पर जाकर कई अहम खोजें करेगा।
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