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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Chardham Project सुप्रीम कोर्ट ने चारधाम परियोजना को अनुमति दे दी है और अब भारत की चीन तक पहुंच बहुत आसान हो जाएगी। केंद्र की मोदी सरकार की इस महात्वाकांक्षी आॅल वेदर राजमार्ग परियोजना को शीर्ष अदालत की हरी झंडी मिलने के बाद अब सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के साथ ही सड़कों को डबल लेन हाइवे भी बनाया जा सकेगा।
चारधाम परियोजना के तहत न केवल साफ मौसम में ही भारत की चीन तक पहुंच आसान हो जाएगी बल्कि किसी भी तरह के मौसम में भारतीय सेना चीन से सटी सीमाओं पर पहुंच सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान परियोजना को हरी झंडी दी।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हाईवे निर्माण के लिए सड़क की चौड़ाई बढ़ाने में रक्षा मंत्रालय की कोई दुर्भावना नहीं है। उन्होंने कहा कि अदालत सशस्त्र बलों की ढांचागत जरूरतों का अनुमान नहीं लगा सकती है।
सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए पीठ ने सड़कों को डबल लेन तक चौड़ा करने की परमिशन देने के साथ ही परियोजना पर सीधे रिपोर्ट करने के लिए पूर्व न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता में एक निरीक्षण समिति का गठन भी किया है। कोर्ट ने रक्षाा मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार व सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि वह निगरानी समिति को पूरा सहयोग करेंगे।
केंद्र सरकार की चारधाम परियोजना का मुख्य उद्देश्य केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री व गंगोत्री सहित चारों धाम को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है। अधिकारियों के अनुसार 900 किलोमीटर लंबी इस परियोजना की लागत 12 हजार करोड़ रुपए आने का अनुमान है। केंद्र सरकार ने अपनी याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की ओर से जाने वाली सीमा सड़कों के लिए यह फीडर सड़कें हैं।
आॅल वेदर राजमार्ग परियोजना के अंतर्गत केंद्र सरकार की सड़कों की चौड़ाई 10 मीटर तक करने की योजना है। इसके लिए केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिसके तहत शीर्ष कोर्ट से मांग की गई थी कि वह आठ सितंबर, 2020 को दिए अपने आदेश में संशोधन करे। इस आदेश के तहत सड़कों की चौड़ाई 5.5 मीटर तक सीमित करने का आदेश दिया गया था। (Chardham Project)
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