India News (इंडिया न्यूज़) Chhath Puja 2023 : हर साल कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा (Chhath Puja 2023) की जाती है। इस साल यह त्योहार 17 नवंबर से शुरू हो रहा है और 20 नवंबर तक चलेगा। इस महापर्व में छठी मैया के साथ सूर्य भगवान की विशेष पूजा की जाती है।
छठ पूजा के उपरांत छठव्रती को 36 घंटे के कठिन व्रत का पालन करना पड़ता है। दो दिनों के क्रियाकलापों के बाद पूजा के तीसरे दिन, व्रती डूबते हुए सूर्य को जल देती है और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को जल अर्पित कर महापर्व का समापन करती है। हिंदू धर्म में सूर्य को प्रत्येक ऊर्जाओं का स्रोत माना जाता है। यह व्रत पुरुषों और महिलाओं द्वारा मुख्य रूप से अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है।
रात में होगा विशेष महत्त्व
ज्योतिषियों के अनुसार छठ पूजा (Chhath Puja 2023) के दिन ध्रुव योग और वृद्धि का निर्माण हो रहा है। इस वृद्धि योग का निर्माण देर रात 11 बजकर 28 मिनट तक है। इसके बाद का समय लोगों के लिए खास हो सकता है। इस योग में सूर्य देव को जल का अर्घ्य देंगी। इस योग में जो पूजा करेगा और जल देगा उन्हें सुख और समृद्धि में अपार वृद्धि हो सकती है।
छठी मैया की उत्पति की क्या है कहानी
हिंदु ग्रंथो के मुताबिक छठी मैया को भगवान विष्णु की मानस पुत्री कहा जाता है और छठी मैया को सूर्य भगवान की बहन भी माना जाता हैं। छठी मैया को दुर्गा के रूप में देवी कात्यायनी का अवतार माना जाता है। यह भी माना जाता है कि जब ब्रह्मांड का निर्माण हुआ उस वक्त ब्रह्मा जी ने खुद को दो हिस्सों में बाट लिया था।
जिसमें एक हिस्सा पुरुष बना और दुसरे ने महिला का रूप धारण कर लिया। यही बाद में प्रकृति माँ बन गईं जो कि प्रकृति मां ने अपने आप को छः हिस्सों में बांट दिया। इसमें से अंतिम रूप ‘छठी’ को कहा गया है।
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