संबंधित खबरें
केंद्रीय मंत्रिमंडल के इन फैसलों से आपके जीवन में आने वाला है ये बड़ा बदलाव, जान लीजिए वरना कहीं पछताना न पड़ जाए
BJP से आए इस नेता ने महाराष्ट्र में कांग्रेस का किया ‘बेड़ा गर्क’, इनकी वजह से पार्टी छोड़ गए कई दिग्गज नेता, आखिर कैसे बन गए राहुल के खास?
दिसंबर में इतने दिन बंद रहेंगे बैंक, जाने से पहले एक बार चेक कर लीजिए, वरना…
'नेताओं के जाल में…', संभल में सीने पर पत्थर खाकर SP मुसलमानों से करते रहे अपील, Video देखकर सैल्यूट करने को खुद उठ जाएगा हाथ
'गोलीबारी नहीं, हत्या है', संभल हिंसा पर फट पड़े ओवैसी, 3 मुस्लिम युवकों जनाजे उठने पर कही ये बात
Maharashtra CM की बहस खत्म, RSS ने किया ऐसा काम, सुनकर शिंदे का कलेजा मुंह को आ जाएगा?
India News(इंडिया न्यूज), Chhattisgarh: दूसरे राज्यों में बच्चों को मिड-डे मील में चपाती और नमक दिए जाने की खबरों को पीछे छोड़ते हुए छत्तीसगढ़ के एक स्कूल ने अपने छात्रों को सादा चावल दिया है जिसमें सिर्फ़ हल्दी डाली गई है। सब्ज़ियाँ गायब हैं, साथ ही कई मौकों पर दाल भी नहीं दी जाती, जिससे छोटे बच्चे कम से कम खिचड़ी तो खा पाते।
राज्य के शिक्षा विभाग ने मिड-डे मील के लिए एक निर्धारित मेनू बनाया है, जिसमें विभिन्न प्रकार के पौष्टिक भोजन का वादा किया गया है। हालाँकि, स्कूल और कुछ अन्य संस्थानों की वास्तविकता यह बताती है कि मेनू सिर्फ़ कागज़ों पर ही बना हुआ है। छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर 2022 में 17.76% थी।
बलरामपुर के पटेल पारा के बीजाकुरा गाँव में बीजाकुरा प्राथमिक विद्यालय 43 छात्रों को मिड-डे मील परोसता है और अधिकारियों ने स्वीकार किया कि वे लगभग एक सप्ताह से कोई सब्ज़ी नहीं परोस रहे हैं। भोजन में चावल और दाल या सिर्फ़ हल्दी वाला चावल शामिल है।
43 children of Bijakura village in Balrampur, #Chhattisgarh have been eating yellow rice mixed with turmeric, not even khichdi, for a week.
The school says that vegetables have not been available for a week, those running the government should die of shame. pic.twitter.com/vzTNULTiIK— Bole Bharat (@bole_bharat) July 6, 2024
स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक ने सब्जियों की कमी के लिए मिड-डे मील सप्लायरों द्वारा आपूर्ति न किए जाने को जिम्मेदार ठहराया, जबकि उनका कहना है कि उन्हें बकाया राशि का भुगतान न किए जाने के कारण आपूर्ति बंद हो गई है। आरोप-प्रत्यारोप के इस खेल में बच्चों को सरकार द्वारा निर्धारित संतुलित आहार से वंचित किया जा रहा है।
प्रधानाध्यापक ने कहा, “आपूर्तिकर्ताओं द्वारा सब्जियां उपलब्ध नहीं कराई गई हैं, इसलिए हम उन्हें नहीं दे पा रहे हैं।”
जिला शिक्षा अधिकारी देवेंद्र नाथ मिश्रा ने तत्काल जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया। श्री मिश्रा ने एनडीटीवी से कहा, “यह मामला आपके माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है। मैं आज ही इसकी जांच करूंगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।” स्थानीय अधिकारियों और स्कूल के कर्मचारियों ने भी आपूर्ति की कमी को इसके लिए जिम्मेदार बताया। ॉ
वार्ड पंच रामप्रसाद राम ने बताया, “सब्जी उपलब्ध कराने वाला समूह लापरवाह है, इसलिए हम बच्चों को उचित भोजन नहीं दे पा रहे हैं।” रसोइया सुखिया देवी ने कहा, “अगर हमें सब्ज़ियाँ नहीं मिलती हैं, तो हम उन्हें बच्चों को नहीं दे पाते हैं। कभी दाल चावल तो कभी सिर्फ़ चावल। जब हम सब्ज़ियाँ माँगते हैं, तो आपूर्तिकर्ता कहते हैं कि वे उपलब्ध नहीं हैं।”
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.