संबंधित खबरें
चलती बस से कूदी लड़की, बस में फैली यौन शोषण की…महिला के मेडिकल से हुआ बड़ा खुलासा
UP के इन 5 जगहों में नहीं लगेगा कोई फोन कॉल, CM Yogi के इस फैसले से ‘खास समुदाय’ की हो गई खटिया खड़ी
यूपी में भेड़िया के बाद बाघ का आतंक! हमले में किसान को उतारा मौत के घाट
पहले फाड़े कपड़े, तोड़ दिए दांत और आंखे, फिर मार-मार कर किया अधमरा, महिला के साथ बदमाशों ने की सारे हदें पार
CM Yogi का बड़ा तोहफा, Vikrant Massey की The Sabarmati Report को किया टैक्स फ्री
समुद्र में चल रहा था भारतीय नौसेना का युद्ध अभ्यास, नाविकों ने बिना अनुमति किया ये काम, फिर मिली ऐसा सजा…नहीं भूल पाएंगी सात पुश्तें
पिछले दो महीनों से बारिश और बाढ़ ने आदिवासी इलाकों में तबाही मचा रखी है। नदी, नालों और बाढ़ में डूबे रास्तों ने मरीजों के जीवन को टापू में तब्दील गांवो ने रोक रखा है। छत्तीसगढ़ के दो जिले गंभीर हालातो से मौतों की चपेट में है। यहां मरने वालों में ज्यादा जनसंख्या आदिवासियों की है जो बुखार और शरीर मे सूजन की वजह से मौत के घाट उतर गए है।
इंद्रावती नदी पार मर्रामेटा,रेकावाया,पेंटा, गुडरा,पीडियाकोट और बड़े पल्ली क्षेत्र में महामारी जैसी स्तिथि बन गई है। दो महीने के अंदर बीजापुर जिले के मर्रामेटा पंचायत में 12 ग्रामीणों की पेंटा पंचायत में 3, पीडियाकोट पंचायत में 7, बड़े पल्ली पंचायत में 7 लोगो की शरीर की सूजन और तेज बुखार के कारण मौत हो गई है।इन क्षेत्रों में अब भी 50 से अधिक ग्रामीण इन्ही बीमारियों के चपेट में है।
ग्रामीण अब मान चुके है कि उनकी जिंदगी सरकार के नजरो में कीड़े – मकोड़े से ज्यादा और कुछ नही है। कोई भी जनप्रतिनिधि उन क्षेत्रों के बारे में सोचते ही नही है। आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव में भी देश सिरहा गुनिया के अंधकार और अंधविश्वास से बाहर नही आ पाया है।
ये भी पढ़े– बिहार के राज्यपाल की तबीयत बिगड़ी, उपचार के लिए भेजे गए दिल्ली
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.