India News (इंडिया न्यूज), Child Abuse: वैज्ञानिक युज्ञ में सभी बच्चे टेक्नोलॉजी के पीछे काफी तेजी से भाग रहे हैं। आज-कल के चार से पांच के बच्चे भी काफी आराम से स्मार्टफोन यूज करना जानते हैं। लेकिन ये स्मार्टफोन आपके बच्चे की स्मार्टनेस को खत्म कर सकता है। हाल में आई एक रिपोर्ट में कहा गया कि इंटरनेट पर बाल शोषण की डेटा में 87 फीसदी बढ़ोतरी हुई है।

ग्लोबल थ्रेट असेसमेंट 2023 की रिपोर्ट में काफी आश्चर्यजनक खुलासे किए गए। इस रिपोर्ट के मुताबिक बाल यौन शोषण सामग्री में 87 फीसदी की वृद्धि देखी गई है। वहीं दुनिया भर में 3.2 करोड़ से ज्‍यादा बाल शोषण के मामले दर्ज किए गए हैं। इन बढ़ती समस्याओं से बच्चों को बचाने के लिए एक बहुआयामी रेस्‍पॉन्‍स की जरूरत है।

सोशल गेमिंग प्लेटफॉर्म के नुकसान

वीप्रोटेक्‍ट ग्‍लोबल अलायंस के रिपोर्ट के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भरपूर इस्तेमाल बच्‍चों के शोषण के लिए किया जा रहा है। इस साल में अपराधियों द्वारा बाल यौन शोषण सामग्री बनाने और बच्चों का शोषण करने के लिए जेनेरेटिव एआई के उपयोग करने के मामले में वृद्धि देखी गई है। इस रिपोर्ट में बच्चों से जुड़े आने वाली कई समस्याओं के बारे में बताया गया है। इंटरनेट वॉच फाउंडेशन के रिपोर्ट में बताया गया कि 2020 से 2022 के बीच 7-10 साल के बच्चों की स्व-निर्मित सेक्‍सुअल इमेजिनेशन में 360 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं सोशल गेमिंग प्लेटफॉर्म को भी बच्चों के लिए काफी खतरनाक बताया गया है।

सेक्‍सुअल हेरेसमेंट मामलों में वढ़ोतरी

वहीं सेक्‍सुअल हेरेसमेंट के मामलों में वढ़ोतरी दर्ज की गई है। साल 2021 में बच्चों से वसूली के 139 मामले आए थें। वहीं साल 2022 में ये बढ़कर 10,000 से ज्यादा हो गया है। ऐसे मामले में अपराधी बच्चों को अपनी सेक्‍सुअल तस्वीरें और वीडियो साझा करने के लिए तैयार करते हैं। वहीं कई बार बच्चों के ना मानने पर जबरदस्ती भी करने लग जाते हैँ। कई बार बच्चे इन मामलों में उलझ कर अपनी जान भी ले लेते हैं।

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