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India News (इंडिया न्यूज), China-US Relation: चीन ने मंगलवार (18 जून) को चेतावनी दी कि यदि अमेरिका ने तिब्बत नीति विधेयक पर हस्ताक्षर करके उसे कानून बना दिया तो वह दृढ़ कदम उठाएगा। साथ ही शीज़ांग स्वतंत्रता का समर्थन न करने का आग्रह भी किया। पूर्व अमेरिकी सदन अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी सहित अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के धर्मशाला दौरे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि यह सभी जानते हैं कि 14वें दलाई लामा एक शुद्ध धार्मिक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि एक राजनीतिक निर्वासित व्यक्ति हैं। जो धर्म की आड़ में चीन विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में लगे हुए हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम संबंधित रिपोर्टों पर गंभीर रूप से चिंतित हैं और अमेरिकी पक्ष से आग्रह करते हैं कि वह दलाई समूह की चीन विरोधी अलगाववादी प्रकृति को पूरी तरह से पहचाने, शिज़ांग से संबंधित मुद्दों पर अमेरिका द्वारा चीन को दी गई प्रतिबद्धताओं का सम्मान करे। किसी भी रूप में दलाई समूह से कोई संपर्क न रखे और दुनिया को गलत संकेत भेजना बंद करे। उन्होंने आगे कहा कि शिज़ांग प्राचीन काल से चीन का हिस्सा रहा है और इसके मामले चीन के घरेलू मामले हैं और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जाएगी। चीनी प्रवक्ता ने दावा किया कि शिज़ांग में सामाजिक स्थिरता और सद्भाव है। साथ ही आर्थिक प्रदर्शन और लोगों की अच्छी प्रतिष्ठा है।
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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि किसी को भी और किसी भी ताकत को चीन को नियंत्रित करने और दबाने के लिए शिज़ांग को अस्थिर करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। ऐसे प्रयास कभी सफल नहीं होंगे। उन्होंने आगे कहा कि हम अमेरिकी पक्ष से शिज़ांग को चीन के हिस्से के रूप में मान्यता देने और शिज़ांग स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करने की अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करने का आग्रह करते हैं। अमेरिका को बिल पर हस्ताक्षर करके इसे कानून नहीं बनाना चाहिए। चीन अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की दृढ़ता से रक्षा करने के लिए दृढ़ कदम उठाएगा।
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