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Chinese Air Force: अमेरिका को पीछे छोड़ देगी चीनी वायुसेना! पेंटागन की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

BY: Raunak Pandey • LAST UPDATED : April 2, 2024, 4:08 am IST
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Chinese Air Force: अमेरिका को पीछे छोड़ देगी चीनी वायुसेना! पेंटागन की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

Chinese Air Force

India News (इंडिया न्यूज़), Chinese Air Force: विश्व में एक तरफ जहां रूस और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण रिश्ते हैं, वहीं दूसरी तरफ अब चीन और अमेरिका के बीच नया तनाव शुरू हो चूका है। इस बीच चीन की सैन्य ताकत विश्व में तेजी से बढ़ती जा रही है। माना जा रहा है कि चीनी वायुसेना जल्द अमेरिकी वायुसेना को पीछे छोड़ते हुए पहले पायदान पर पहुंच जाएगी। हाल ही में यूएस-इंडो पैसिफिक कमांड के प्रमुख नेवी एडमिरल जॉन सी एक्विलिनो ने इसका खुलासा किया है। उन्होंने चीन की तेजी से बढ़ती सैन्य ताकत को बयां किया है। उन्होंने कहा कि चीन अपनी सेना को आधुनिक करने पर तेजी से काम कर रहा है। एक्विलिनो ने 21 मार्च को अमेरिकी संसद में दावा किया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी विश्व की सबसे बड़ी नौसेना बन चुकी है। साथ ही बहुत जल्द ही विश्व की सबसे बड़ी वायु सेना भी बन जाएगी।

पेंटागन की रिपोर्ट से लगा अनुमान

बता दें कि, एक्किलिनो ने कहा कि चीन अब आसमान में अमेरिका को पीछे छोड़ सकता है। एक्विलिनो ने आगे कहा कि चीन की ओर से खड़ी हो रही सुरक्षा चुनौती को कम करके नहीं आंका जा सकता है। इस दौरान उन्होंने चीनी सेना के पास मौजदू लड़ाकू विमानों की ओर इशारा किया। दरअसल, पेंटागन की साल 2023 की रिपोर्ट में कहा गया था कि पीएलए वायु सेना और नौसेना के पास कुल मिलाकर 3,150 से अधिक विमान हैं। वहीं, दूसरी तरफ अमेरिका करीबन 4,000 विमानों का दावा करता रहा है। इसके साथ ही, अमेरिका अपनी नौसेना, मरीन कोर और सेना शाखाओं में हजारों विमान रखता है। अमेरिकी वायुसेना ने पूरी दुनिया में अपना दायरा फैला रखा है।

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चीन कर रहा तीनों सेनाओं को मजबूत

बता दें कि, सबसे अधिक रक्षा बजट होने के बावजूद अमेरिकी सेना के पास लड़ाकू विमानों की कमी आ रही है। क्योंकि अब अमेरिका विमान की जगह मिसाइल को तैनात कर रहा है। दूसरी ओर अमेरिकी एक्सपर्ट का कहना है कि कम विमान होने से सुरक्षा का खतरा पैदा हो सकता है। अमेरिकी एक्सपर्ट ने कहा कि चीन अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने के साथ अमेरिका के हमलों से बचाव के लिए मिसाइल को बढ़ा रहा है। चीन का मकसद अमेरिकी विमानों को रास्ते में ही रोकने की है। आगामी टकराव की संभावनाओं को देखते हुए चीन लगातार अपनी जल, थल और नभ सेना को मजबूत कर रहा है।

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