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India News (इंडिया न्यूज),China Village India Border: चीन भारत से लगी सीमा के पास दोहरे उपयोग वाले गांव बना रहा है। इसके अलावा वह सैन्य सुविधाओं का नेटवर्क भी बढ़ा रहा है। वाशिंगटन थिंक टैंक सेंटर फॉर इंटरनेशनल एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज (सीएसआईएस) की एक नई रिपोर्ट में 16 मई को कहा गया, ‘उजाड़ और दुर्गम हिमालय में चीन भारत के साथ अपनी अत्यधिक विवादित सीमा पर सैकड़ों गांवों का निर्माण और विस्तार कर रहा है।’ न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक, जियोस्पेशियल डेटा प्रोवाइडर सेंटिनल हब की सैटेलाइट तस्वीरें 2022 और 2024 के बीच इसके विस्तार को दर्शाती हैं।
सीएसआईएस की रिपोर्ट में अरुणाचल प्रदेश के पास चार अलग-अलग जगहों पर सैन्य और दोहरे उपयोग वाले गांव के बुनियादी ढांचे के विस्तार का खुलासा किया गया है। याराओ के अलावा, इसने झुआंगनान, माजिदुनकुन और कुईकिओंगमेन में सैन्य सुविधाओं का खुलासा किया। अरुणाचल भारत का अभिन्न हिस्सा है। वहीं, चीन इसे अपना इलाका बताता है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ग्रे-जोन रणनीति के तहत सीमा पर गांव बनाता है। इसे युद्ध और शांति के बीच का समय माना जाता है। कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बस्तियों में गुप्त रूप से आक्रामक सैनिकों की तैनाती की जा सकती है।
NEW: @jenniferJYjun and @BrianTHart use satellite imagery to analyze how China is upgrading villages along its disputed Indian border. They show these villages are often accompanied by military and dual-use infrastructure to bolster China’s capabilities. https://t.co/ppH1EEh0Fk pic.twitter.com/M2ByZtWzz6
— ChinaPower (@ChinaPowerCSIS) May 20, 2024
सेंटर फॉर इंटरनेशनल एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज ने कहा कि 2018 से 2022 के बीच चीन ने 624 ‘जियाओकांग’ गांव बनाए हैं और इसका काम जारी है। भारत के साथ सीमा पर सैनिकों के बीच झड़प के बाद तनाव बना हुआ है। दिसंबर 2020 में चीन और भारत के सैनिकों के बीच लड़ाई हुई थी। 1962 में दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर युद्ध लड़ा गया था। पिछले तीन सालों में झड़पें भी बढ़ती देखी गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सीमा विवाद का कोई स्पष्ट समाधान नहीं है। बढ़ते सैन्यीकरण के कारण गलत अनुमान लगाने का जोखिम अधिक बना हुआ है।
सीमा के पास तेजी से हो रहा विकास चीन की बुनियादी ढांचे के निर्माण की क्षमता का सबूत है। पिछले साल याराओ के पास एक नई सड़क और दो हेलीपैड भी बनाए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि याराओ में भी, जो 3,900 मीटर की ऊंचाई पर है और जहां का मौसम बहुत खराब है, चीन दिसंबर 2022 तक नई इमारतें बनाने में कामयाब रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन तिब्बती और हान आबादी के मिश्रण से सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकी को भी बदल रहा है।
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